एसटी श्रमिकों की हड़ताल के लिए 86000 बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों का समर्थन।

कामरेड कृष्णा भोयर, बिजली कामगार नेता द्वारा रिपोर्ट

(मराठी से अनुवादित)

महाराष्ट्र राज्य परिवहन (एसटी) बस निगम के सभी कर्मचारी और अधिकारी आम आदमी की सेवा के लिए कई वर्षों से अथक प्रयास कर रहे हैं। सरकार ने निजी परिवहन सेवाओं का समर्थन करके एसटी को कमजोर किया है। सरकार ने बस निगम और राज्य सरकार के विलय के लिए श्रमिकों की उचित मांग को अस्वीकार कर दिया है। सभी एसटी श्रमिक संघों ने दीवाली में हड़ताल पर जाने का फैसला किया। कर्मचारी 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं क्योंकि निगम के सरकार में विलय की उनकी मुख्य मांग को स्वीकार नहीं किया गया है। एसटी श्रमिकों की हड़ताल को विभिन्न यूनियनों और संगठनों का भारी समर्थन मिल रहा है।

हल में चल रही महाराष्ट्र राज्य परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल में, 8 नवम्बर 2021 को अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और महाराष्ट्र राज्य विद्युत श्रमिक संघ के महासचिव कॉमरेड कृष्ण भोयर ने पनवेल डिपो में मौजूद रहकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को समर्थन पत्र सौंपा और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम, महाराष्ट्र के लोगों के स्वामित्व वाला एक सार्वजनिक उद्यम, पिछले कई वर्षों से जहा गांव वहा एसटी की अवधारणा के साथ महाराष्ट्र के लोगों की सेवा कर रहा है। इस उद्योग में काम करने वाले सभी कर्मचारी और अधिकारी आम आदमी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उद्योग पर कुछ राजनीतिक दलों की नजर पड़ी है और भ्रष्टाचार के कारण सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सरकार ने निजी यात्री सेवाओं की मदद करके एसटी को कमजोर करने का भी काम किया है। इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता। एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय करने की मांग करते हुए, सभी एसटी यूनियनों ने एक साथ आकर दीवाली में हड़ताल पर जाने का फैसला किया क्योंकि सरकार ने मांग नहीं मानी।

एसटी कार्यकर्ताओं ने 27 अक्टूबर 2021 से संयुक्त राज्य कार्य समिति स्थापित करके भूक हड़ताल शुरू की। अनशन शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता और आवास भत्ता की मांगों को मान लिया। लेकिन एसटी निगम का राज्य सरकार में विलय की मुख्य मांग नहीं मानने पर 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है।अदालत द्वारा हड़ताल को अवैध घोषित करने के बाद भी मजदूरों ने बिना किसी हिचकिचाहट के हड़ताल जारी रखी और एकता की मशाल कायम रखी।

बिजली उद्योग में पहली और सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने राज्य परिवहन निगम में सभी यूनियनों द्वारा गठित एक्शन कमेटी को सार्वजनिक रूप से समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को तत्काल हड़ताल पर समाधान खोजने और हड़ताल कर रहे एसोसिएशन की मांगों को स्वीकार करने का आवाहन दिया है। इस अवसर पर वर्कर्स फेडरेशन विमेंस फ्रंट की अध्यक्ष श्रीमती भारती भोयर भी उपस्थित थीं।


(नोट:- कामरेड कृष्णा भोयर फोटो में पनवेल डिपो में एसटी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए।)

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