इच्छुक क्षेत्र के बारे में जानिए

AIFAP के उद्देश्यों में से एक है, ऐसे क्षेत्र के लिए समर्थन और एकजुटता जुटाना जहां निजीकरण के खिलाफ संघर्ष हो रहा है | किसी भी क्षेत्र के बारे में जानने से हम सूचित समर्थन कर सकते हैं |

यहां विभिन्न क्षेत्रों के बारे में और उन क्षेत्र में निजीकरण की स्थिति के बारे में संक्षिप्त में बताया गया है | निम्नलिखित जानकारी सम्बंधित क्षेत्रों के फेडरेशनों/यूनियनों/एसोसिएशनों के नेताओं और KEC के कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्र की गई जानकारी पर आधारित है |

किसी भी क्षेत्र के बारेमें जानने के लिए उसके नाम/चित्र पर क्लिक करें |

                  

AIFAP का विश्वास
सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्रों का निर्माण लोगों के पैसे से किया गया है |
उनका उपयोग लोगों के हितों के लिए किया जाना चाहिए, न कि निजी लाभ के लिए |

 

मज़दूरों पर निजीकरण का प्रभाव

हमारे देश और अन्य देशों में निजीकरण के अनुभव ने बार-बार दिखाया है कि निजीकरण के परिणामस्वरूप मज़दूरों का नुक़सान होता है, फिर चाहे सरकार और पूंजीपति मज़दूरों से कितने ही झूठे आश्वासन या वादे करें |
निजीकरण के मजदूरों पर परिणाम:

1. नौकरियों का जाना,
2. ठेका मज़दूरी का बढ़ता उपयोग,
3. नौकरी की सुरक्षा जाना,
4. काम का दबाव बढ़ना,
5. काम करने की स्थिति खराब होना,
6. सुरक्षा से समझौता,
7. मौजूदा यूनियनों पर हमला,
8. यूनियन बनाने के अधिकार से वंचित करना,
9. वर्षों के संघर्ष से प्राप्त अधिकारों को रद्द कर देना,
10. युवा पीढ़ी के लिए नौकरी की संभावनाएं बिगड़ना|

AIFAP आपको अपना अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित करता है।

उपभोक्ताओं पर निजीकरण का प्रभाव

सरकार झूठा दावा करती हैं कि निजीकरण से उपभोक्ताओं को सस्ती, बेहतर सेवाएं/उत्पाद मिलेंगे, लेकिन असलियत में निजीकरण का मज़दूरों के साथ-साथ उपभोक्ताओं पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है, कई बार मज़दूरों से भी कई गुना ज्यादा |

विभिन्न क्षेत्रों के निजीकरण का उपभोक्ताओं और उपयोगकर्ताओं पर हानिकारक प्रभाव

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