कामगार एकता कमिटी संवाददाता की रिपोर्ट
9 अगस्त को, देश भर के कई शहरों और कस्बों में दसियों हजारों की संख्या में औद्योगिक मज़दूर, किसान, खेतिहर मज़दूर, केंद्र सरकार की पूंजीवाद समर्थक नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए। “कॉर्पोरेट लुटेरों, भारत छोड़ो, खेती छोड़ो”, “पूंजीपति वर्ग की फूट डालो और राज करो की नीति मुर्दाबाद”, “कॉर्पोरेट भारत की नफरत की राजनीति मुर्दाबाद”, “मजदूर-किसान एकता जिंदाबाद”, “किसी भी बहाने से निजीकरण नहीं चलेगा”, “विद्युत संशोधन विधेयक मुर्दाबाद” इन जैसे नारे पूरे देश में गूंज उठे।
राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, असम, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और केरल के कई शहरों में बड़ी रैलियां निकाली गईं। हमारे संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, कृषि भूमि, जंगलों और कृषि को पूंजीवादी समूहों को सौंपने के खिलाफ और मज़दूरों, आदिवासियों और किसानों के कड़ी मेहनत से हासिल किए गए अधिकारों को छीनने के खिलाफ लोगों का गुस्सा प्रत्यक्ष रूप से बहुत अधिक था।
उठाई गई प्रमुख मांगों में निम्नलिखित शामिल हैं:
– सुनिश्चित खरीद के साथ न्यूनतम लाभकारी मूल्य MSP@C2+50% के लिए कानून बनाना
– चार श्रम संहिताओं को रद्द करना
– सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का विनिवेश रोकना
– बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेना और स्मार्ट मीटर लगाना बंद करना
– सभी छोटे, सीमांत, मध्यम किसानों और कृषि मज़दूरों के लिए प्रति माह 10,000 रुपये की पेंशन योजना
– वन संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023 को रद्द करना
– मणिपुर के मौजूदा मुख्यमंत्री को पद से हटाना
– हरियाणा तथा कई अन्य स्थानों पर साम्प्रदायिक नरसंहार पर रोक लगाना
दिल्ली में जंतर-मंतर पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। विरोध प्रदर्शन को संबोधित करने वाले केंद्रीय नेताओं में शहनाज़-इंटक(INTUC), अमरजीत कौर-एआईटीयूसी (AITUC), हरभजन सिंह-एचएमएस(HMS), तपन सेन-सीटू(CITU), हरीश त्यागी-एआईयूटीयूसी(AIUTUC), लता बेन-सेवा(SEWA), राजीव डिमरी-एआईसीसीटीयू(AICCTU), राशिद खान-एलपीएफ(LPF), शत्रुजीत सिंह- यूटीयूसी(UTUC) शामिल थे। विरोध सभा को मजदूर एकता कमेटी (MEC) के संतोष कुमार ने भी संबोधित किया। हम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति नीचे दे रहे हैं।
नई दिल्ली, 9 अगस्त 2023
प्रेस विज्ञप्ति
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का देश व्यापी विरोध प्रदर्शन
9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस मनाया,
जनविरोधी, राष्ट्रविरोधी सरकार से दृढ़ता से लड़ेंगे
30 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) और स्वतंत्र फेडरेशऩो/एसोसिएशनों के मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित श्रमिकों के राष्ट्रीय सम्मेलन के आह्वान पर, मेहनतकश जनता पूरे देश में कार्रवाई के लिए आगे आई।नारा “देश बचाओ, जनता बचाओ”।
ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के इतिहास में इस दिन का विशेष महत्व है। यह “भारत छोड़ो” दिवस है जब विदेशी शासन को अपना बैग पैक करने और भारत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया था।
आज भाजपा राज में स्थिति दमघोंटू जैसी है। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से मेहनतकश जनता का जीवन, चाहे वह मजदूर हो, किसान हो, छात्र हो, युवा हो, महिलाएं हों, हर मामले में बदतर हो गया है।
राष्ट्रीय संसाधनों और परिसंपत्तियों, रणनीतिक क्षेत्रों सहित सभी क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है और भारतीय और विदेशी ब्रांड के बड़े कॉर्पोरेटों को बिक्री के लिए दिया जा रहा है।असमानताएँ गहराती जा रही हैं जिससे आमलोगों का जीना मुश्किल हो रहा है।आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और बढ़ती बेरोज़गारी, वेतनमंदी, हमारे अधिकांश लोगों के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा ना होना परिदृश्य है।जनता को जागरूक करने और कॉरपोरेट समर्थक, जनविरोधी, राष्ट्रविरोधी सरकार से लड़ने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
30 जनवरी को आह्वान करने वाली यूनियनें इन दिनों देश के कोने-कोने में संदेश फैलाने, संयुक्त बैठकें, जत्थे (पदयात्राएं, साइकिल/ मोटरसाइकिल/ जीप जत्थे), गेट मीटिंग, प्रदर्शन और निर्वाचित प्रतिनिधियों /विधायकों के पास जाने में व्यस्त रही हैं तथा ज्ञापन दिए हैं।
आज जैसे ही हम प्रेस में जा रहे हैं, हमारे पास 700 से अधिक जिलों, 26 राज्यों की राजधानियों के हजारों तालुकाओं/मंडलों से रिपोर्टें आ रही हैं जहां कि प्रदर्शन/धरना हुआ है।दिल्ली में जंतर-मंतर पर संयुक्त विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसे केंद्र और राज्य के नेताओं ने संबोधित किया। संबोधन करने वाले केंद्रीय नेताओं में शेहनाज-इंटक, अमरजीत कौर-एआईटीयूसी, हरभजन सिंह-एचएमएस, तपन सेन-सीटू, हरीश त्यागी-एआईयूटीयूसी, लता बेन-सेवा, राजीव डिमरी-एआईसीसीटीयू, राशिद खान-एलपीएफ, शत्रुजीत सिंह-यूटीयूसी।अन्य वक्ताओं में संतोष कुमार-एमईसी, नरेश कुमार-आईसीटीयू भी शामिल थे।
प्रदर्शन आक्रोषपूर्ण रहे हैं क्योंकि भाजपा सरकार की नीतियां केवल जले पर नमक छिड़क रही हैं, “डबल इंजन विकास” के बारे में बेशर्मी से झूठ बोल रही है, जब कि मणिपुर जल रहा है, हमारी चैंपियन महिला पहलवानों को प्रताड़ित करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं, और अब हरियाणा को योजनाबद्ध तरीके से हिंसा में धकेल दिया गया है। आज लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्य चुनौती में हैं।
इस भाजपा सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। लोग चाहते हैं और देश को एक बदलाव की ज़रूरत है।
आने वाले दिनों में मजदूर वर्ग अपना संघर्ष तेज़ करेगा।
INTUC AITUC HMS CITU AIUTUC
TUCC SEWA AICCTU LPF UTUC
स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेशनें /एसोसिएशनें