महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव, कॉम. कृष्णा भोयर से प्राप्त रिपोर्ट
बिजली निगमों में OPS लागू करने हेतु EPF अंशदान कर्मचारी से जमा करवाने की शर्त का विरोध
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के क्रियान्वयन में बिजली निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने हेतु कर्मचारियों से ही EPF अंशदान ब्याज सहित जमा करवाने की शर्त के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का गुस्सा फूटा।
वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना का विकल्प भरने वाले कर्मचारियों से EPF अंशदान एवं उस पर 12 प्रतिशत ब्याज जमा करवाने के लिए कर्मचारियों को लाखों रूपये के मांगपत्र जारी किये जा रहे हैं। इन मांगपत्रों से कर्मचारियों की OPS की ख़ुशी निराशा में बदल गई है। बिजली कर्मचारियों को बिना शर्त OPS लागू करने की मांग को लेकर राजस्थान विद्युत कर्मचारी संयुक्त एकता मंच द्वारा लगातार मांग उठाई जाती रही है। संयुक्त एकता मंच के सुझाव के आधार पर ही विद्युत निगमों द्वारा EPF अंशदान कर्मचारी से जमा नहीं करवाने के संबंध में एक प्रस्ताव ऊर्जामंत्री की स्वीकृति के बाद वित्त विभाग को भेजा गया है। इसी क्रम में आज बिजली कर्मचारियों ने विद्युत भवन पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन के बाद संयुक्त एकता मंच के प्रतिनिधि मंडल ने प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग भास्कर ए सावंत से वार्ता की। वार्ता में निर्णय हुआ कि विद्युत प्रशासन अपने द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृत कराने का पुरा प्रयास करेगा एवं जब तक उक्त प्रस्ताव पर वित्त विभाग का कोई निर्णय नहीं आता तब तक बिजली कर्मचारियों को मांगपत्र जारी नहीं किया जावेगा। 2014 के बाद नियुक्त हुए ऐसे कर्मचारी जिनका EPF नहीं कटा है वरियता से उनके GPF खाते तुरंत खोले जायेंगे।
प्रतिनिधि मंडल में प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फेडरेशन (इंटक) से बजरंग लाल मीना,रामावतार स्वामी, राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ (बीएमएस) से मधुसूदन जोशी, विजय सिंह बाघेला,राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन (एटक) से दिपेंद्र सिंह चौहान,केशव कुमार व्यास राजस्थान विद्युत कर्मचारी संघ से हरगोविंद शर्मा, अमित मल्होत्रा, ऑल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लोयीज फेडरेशन से दिनेश कुमावत यूसुफ कुरैशी, राजस्थान विद्युत कामगार एकता फेडरेशन (सीटू) से किशोर सिंह, विजय जोशी एवं विद्युत कर्मचारी फैडरेशन से रामावतार व्यास आदि शामिल थे।