मध्य प्रदेश विद्युत् मंडल अभियंता संघ (MPVMAS) का मुख्य मंत्री को संदेश
मध्यप्रदेश में लगातार किए जा रहे निजीकरण और ऊर्जा विभाग की विफलता के कारण नुकसान प्रदेश के उपभोक्ताओं, किसानों और बिजली कर्मियो को उठाना पड़ रहा है। प्रदेश के स्वयं की उत्पादन क्षमता लगातार घट रही है, ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन निजी घरानों को दिए जा रहे हैं। वितरण कंपनियों का संचालन 80 प्रतिशत से ऊपर आउटसोर्स के माध्यम से कराया जा रहा है। इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल का डंडा अलग से दिखाया जा रहा है!
ऐसे में सिस्टम तो ठप्प होने वाला ही है और पूरा ऊर्जा विभाग की गलत नीतियों का पूरा खामियाजा विद्युत कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है! ना संगठनों की सुनी गई और ना ही कर्मियों की।
बिना योजना के बिजली कटौती की जाने लगी है जिससे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है और विद्युत कर्मियों एवं अभियंताओं के ऊपर उपभोक्ताओं द्वारा लगातार मारपीट की जा रही है जो बहुत निंदनीय है! बिना सुरक्षा के बिजली कटौती करना विद्युत कर्मियों के जान से खिलवाड़ करना होगा!
हर पड़ोसी राज्यों में उत्पादन क्षमता 50 प्रतिशत से ऊपर स्वयं की उत्पादन क्षमता है (छत्तीसगढ़ प्रमुख उदाहरण है), जबकि मध्यप्रदेश में 30 प्रतिशत से भी कम हो रही है। ऐसे में एकाएक महंगी बिजली खरीदना और आपूर्ति ना होने के कारण मारपीट की स्थिति निर्मित होना ऊर्जा विभाग की गलत नीतियों का ही परिणाम का सबक है!
माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि अभी भी समय है निजीकरण पर रोक लगाकर प्रदेश हित में निर्णय लें। साथ ही कटौती वाले एरिया में विद्युत कर्मियों को सुरक्षा प्रदान की जाए।