ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) से संदेश
मध्य प्रदेश में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की 5 और 6 अक्टूबर की मध्य रात्रि से प्रारंभ अनिश्चित कालीन हड़ताल का सबसे दुखद पहलू यह है कि रात्रि पाली के कर्मचारियो और इंजीनियरों से लगभग 24 घंटे बाद भी लगातार काम लिया जा रहा है उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप कई इंजीनियर और कर्मचारी कंट्रोल रूम में बेहोश हो गए हैं, कई की स्थिति बहुत खराब हो गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश पॉवर सेक्टर के प्रबंधन की इस कृत्य के लिए जितनी निंदा की जाए वह कम है।
हमारा अभी एक बार पुनः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से अनुरोध है कि वह तत्काल हस्तक्षेप करें। मध्य प्रदेश के पावर सेक्टर के यही कर्मचारी है, यही इंजीनियर है जिन्होंने मध्य प्रदेश को पावर सेक्टर में स्वावलंबी बनाया है। आज इन कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करना कदापि उचित नहीं है।
देश के सभी प्रान्तों के लाखों बिजली कर्मचारी और इंजीनियर मध्य प्रदेश के बिजली कर्मियों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़े हैं।
इन्कलाब जिन्दाबाद!
AIPEF