आईसीएफ के बुनियादी ढांचे और उत्पादन सुविधाओं का उपयोग करके वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण और रखरखाव के समझौते को वापस लेने की मांग को लेकर आईसीएफ कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (जेएसी/आईसीएफ) की संयुक्त कार्य परिषद की रिपोर्ट

आईसीएफ कर्मचारियों द्वारा आईसीएफ महाप्रबंधक कार्यालय चेन्नई के सामने सामूहिक धरना प्रदर्शन

आईसीएफ के (जेएसी) ज्वाइंट एक्शन काउंसिल के आह्वान पर हजार से अधिक कर्मचारियों ने धरने में भाग लिया तथा रेलवे के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के निर्माण और रखरखाव के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौते को सरकार से वापस लेने का आग्रह किया।

रेलवे के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेटों के निर्माण और रखरखाव के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ अनुबंध समझौते को वापस लेने की मांग को लेकर आईसीएफ के हजार से अधिक कर्मचारियों ने 27 अक्टूबर 2023 को महाप्रबंधक कार्यालय आईसीएफ के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। आईसीएफ के मान्यता प्राप्त फेडरेशनों और एसोसिएशनों के सहयोगियों सहित सभी यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता श्री पी.मोहन दास संयोजक जेएसी/आईसीएफ ने की।

सामूहिक विरोध को संसद सदस्य डॉ. कलानिधि वीरासामी और श्री आर. गिरिराजन ने संबोधित किया। दोनों सांसदों ने बड़े व्यापारिक घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पक्ष में सरकार के कई फैसलों के खिलाफ आक्रामक तरीके से बात की। उन्होंने कहा कि बुनियादी महत्वपूर्ण ढांचे में से एक, रेलवे को सरकार के हाथों में रहना चाहिए। धरने के अंत में संसद सदस्यों ने जेएसी/आईसीएफ के सदस्यों के साथ अनुबंध समझौते को वापस लेने के लिए महाप्रबंधक आईसीएफ को ज्ञापन सौंपा। सांसद डॉ. कलानिधि वीरासामी ने माननीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर अनुबंध समझौते की कई नकारात्मकताओं पर प्रकाश डाला है, जिसमें आईसीएफ में वंदे भारत ट्रेन सेट की कम विनिर्माण लागत की तुलना में बहुत अधिक खरीद मूल्य भी शामिल है।

धरने को श्री सी.ए.राजा श्रीधर राष्ट्रीय अध्यक्ष एचएमएस एवं अध्यक्ष एसआरएमयू, श्री पी.एस.सूर्यपरकासम, जीएस/एसआरईएस, कॉम.ए.सुंदरराजन राज्य अध्यक्ष सीटू, कॉम.सी.श्रीकुमार जीएस/एआईडीईएफ, श्री.एस.दुरईराज संगठन सचिव/बीएमएस, श्री.ताडी मा रासु अध्यक्ष/एटीपी और कई यूनियन और एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने धरने को संबोधित किया।

 

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