कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
मई 2023 में मुंबई में राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने 25 अक्टूबर 2023 को मुंबई में एक और सफल सामूहिक बैठक आयोजित की।
बैठक को महासचिव कॉम. सी एच वेंकटचलम. और अध्यक्ष, कॉम. राजेन नागर ने संबोधित किया।
नेताओं ने कहा कि संघ भर्ती पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक साल का आंदोलन कार्यक्रम तैयार करेगा। लोग रिटायर हो रहे हैं, स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ रहा है। कर्मचारियों की भर्ती न करके वे यूनियन की ताकत पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।
एआईबीईए ने व्यापक आंदोलन का आह्वान किया है और लोगों के पास जाकर उन्हें यह बताकर उनका समर्थन हासिल करने जा रही है कि सरकार किस तरह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को खत्म करने पर तुली है।
कार्यकर्ताओं को आने वाले हमलों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि एआईबीईए का निर्माण 1946 में हुआ था जब बैंक कर्मियों पर हमले हो रहे थे। उस समय अधिकतर निजी बैंक थे।
एआईबीईए 1990 से बैंकों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है और कर्मचारियों की लड़ाई के कारण वे 33 वर्षों से निजीकरण को रोकने में सक्षम हुआ है। सरकार बैंकों का विलय करने में सफल रही है और अब उसके पास केवल 13 प्रमुख बैंक हैं। देश को सर्वांगीण प्रगति की ओर ले जाने के लिए मजबूत मजदूर यूनियन बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, हर साल द्विपक्षीय बातचीत होती है और उन्हें कुछ वेतन बढ़ोतरी मिलती है। कर्मचारियों का संघर्ष और उनकी एकता इस बार नेताओं को बेहतर वेतन वृद्धि के लिए बातचीत करने में सक्षम बनाएगी।