केंद्र सरकार की बिजली उद्योग के निजीकरण की नीति के खिलाफ बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने 12 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किया

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन द्वारा प्रेस वक्तव्य

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन

(अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस से संबद्ध)
कामरेड कृष्णा भोयर, महासचिव
kbhoyar1767@gmail.com 9930003608

समाचार पत्र वक्तव्य दिनांक 12.03.2024 मुंबई

12 मार्च को बिजली उद्योग के निजीकरण की केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ देश भर में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया

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ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज के 16वें हैदराबाद राष्ट्रीय सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के नेतृत्व में हजारों बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों और अनुबंध आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन देश भर में बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों, इंजीनियरों, अधिकारियों और अनुबंध आउटसोर्स कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित समस्याओं और मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए आयोजित किए गए थे। 12 मार्च, 2024 को महाराष्ट्र के वाशी, ठाणे, कल्याण, पालघर, वसई, उस्मानाबाद, खामगांव, अकोला, बुलढाणा, अमरावती, यवतमाल, चंद्रपुर, नागपुर, औरंगाबाद, नांदेड़, सोलापुर, कोल्हापुर, सांगली, लातूर, परभणी, चंद्रपुर, गोंदिया, वर्धा, जलगांव, नासिक, एकलहरे, भुसावल, खावा रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग आदि में बिजली उत्पादन स्टेशनों, वितरण कंपनी उप-स्टेशनों और वितरण कंपनी कार्यालयों में प्रदर्शन हुए।

केंद्र सरकार को राज्य विरोधी, उपभोक्ता विरोधी और जन विरोधी विद्युत (संशोधन) विधेयक-2022 को वापस लेना चाहिए; देशभर में बिजली उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन कंपनियों में सभी रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां करनी चाहिए; सभी संविदा/आउटसोर्स कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर शिथिल नियम व शर्तें बरकरार रखी जानी चाहिए, पुरानी पेंशन योजना शुरू व लागू की जानी चाहिए, समान काम के लिए समान वेतन संबंधी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू किया जाना चाहिए।

बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की नीति बंद की जानी चाहिए, महाराष्ट्र में भिवंडी, मालेगांव, मुंब्रा में निजी फ्रेंचाइजी रद्द की जानी चाहिए, देशभर में फ्रेंचाइजी के साथ-साथ निजी पूंजीपतियों को समानांतर बिजली वितरण लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए।

महाराष्ट्र में आंदोलन का नेतृत्व कॉमरेड मोहन शर्मा, सी.एन. देशमुख, कृष्णा भोयर, महेश जोतराव, चन्द्रशेखर मौर्य, बी.एल.वानखेड़े, सलाउद्दीन नाकाडे, भीमाशंकर पोहेकर, अरुण मस्के, एस.एम.फरकड़े, श्रीमंत खरमाटे, बी.एस.काले, अब्दुल सादिक, सागर मालगे, हमारे क्षेत्र के संयुक्त सचिव, जोनल सचिव और अन्य पदाधिकारी ने किया।

आपका विश्वासी
कॉम. कृष्णा भोयर
प्रधान सचिव
9930003608

 

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