नागपुर के बिजली उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर लगाने और बिजली वितरण के निजीकरण का विरोध किया

अखिल भारतीय विद्युत उपभोक्ता संघ,नागपुर से प्राप्त रिपोर्ट


नागपुर के बिजली उपभोक्ताओं ने अखिल भारतीय विद्युत उपभोक्ता संघ, नागपुर के बैनर तले शहर में स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

उन्होंने यह भी मांग की है कि बिजली क्षेत्र का निजीकरण रोका जाना चाहिए और बिजली संशोधन विधेयक (2022) को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि बिजली आज जीवन की बुनियादी जरूरत है और इसे मुनाफा कमाने की वस्तु नहीं माना जा सकता है।

हस्ताक्षर एकत्र करने हेतु उनका ज्ञापन नीचे दिया गया है:

(मराठी पत्र का अनुवाद)

अखिल भारतीय विद्युत उपभोक्ता संघ नागपुर

कार्यालय:- 1510/बी, पंडराबोडी, राम नगर, नागपुर-33

मो.93262 91536;7498803881

 

को,

माननीय देवेन्द्र फड़नवीस

उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री

महाराष्ट्र राज्य, मंत्रालय

मुंबई 400032

 

के माध्यम से,

माननीय मुख्य अभियन्ता

महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड

नागपुर परिमंडल,

विद्युत भवन, काटोल रोड

नागपुर 440013

 

महोदय,

हमारा विनम्र निवेदन है कि हमारी निम्नलिखित मांगों को यथाशीघ्र पूरा किया जाए।

मांगें:

1. नागपुर शहर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय रद्द किया जाए और प्रति यूनिट दर वृद्धि वापस ली जाए।

2. घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली निःशुल्क प्रदान की जाये तथा वर्तमान अनुदान बिना किसी व्यवधान के जारी रखा जाये।

3. बिजली को लाभ कमाने वाली वस्तु नहीं बल्कि जीवन की आवश्यकता माना जाना चाहिए।

4. बिजली क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए।

5. विद्युत अधिनियम-2003 एवं प्रतिगामी विद्युत (संशोधन) विधेयक-2022 को निरस्त किया जाए।

6. कृषि हेतु निर्बाध एवं निःशुल्क विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।

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