भारतीय रेलवे द्वारा महिला लोको पायलटों की शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए), दक्षिण पूर्व रेलवे द्वारा सीईओ, रेलवे बोर्ड को पत्र


(अंग्रेजी पत्र का अनुवाद)

संदर्भ: जीएस/ए/एलआरएसए/एसईआर/लेडी रनिंग स्टाफए01
दिनांक: 02.07.2024

प्रति,
सीईओ एवं अध्यक्ष रेलवे बोर्ड,
रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली।

विषय-भारतीय रेलवे की महिला लोको रनिंग स्टाफ की शिकायतें

महोदया,

आदरपूर्वक, एआईएलआरएसए/एस.ई.रेलवे यह कहना चाहता है कि:-

समाज में महिलाओं को, समाज के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मान दिया जाता है। रेलवे में उन्हें खुले में पेशाब करने के लिए छोड़ दिया जाता है, मासिक धर्म के दौरान नैपकिन बदलने की जगह नहीं, गर्भावस्था के दौरान आराम नहीं, सीवीवीआरएस के तहत काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, ये सब ही उनका अपमान है।

अत: आपसे अनुरोध है

1) लोकोमोटिव में शौचालय उपलब्ध करायें।
2) माहवारी के दौरान 3 दिन का आराम दें।
3) गर्भवती होने पर उन्हें ऑनलाइन बुक न करें।
4) रनिंग रूम में बाथरूम के साथ एक अलग कमरा उपलब्ध कराएं।
5) 16 घंटे के भीतर मुख्यालय वापसी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
6) उनके लिए अलग से शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए।
7) महिला लोको रनिंग स्टाफ की श्रेणी बदलने के लिए अधिकतम देखभाल सुनिश्चित की जानी चाहिए।

धन्यवाद
सादर
(एस. पी. सिंह)
महासचिव,
एआईएलआरएसए – एसई रेलवे
प्रतिलिपि-जीएम एसई रेलवे

 

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments