कामगार एकता कमिटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
ऑल इंडिया बैंक एमपलोईज एसीओसेशन (AIBEA) ने ग्राहकों की सहायता करने, जानकारी प्रदान करने और शिकायतों का समाधान करने के उद्देश्य से ‘बैंक क्लिनिक’ शुरू किया है।
महाराष्ट्र स्टेट बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव और AIBEA के संयुक्त सचिव श्री देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि आज की तकनीक के बारे में बैंक ग्राहकों को वित्तीय रूप से साक्षर और जागरूक बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा, “इसका उद्देश्य बैंक ग्राहकों को जानकारी, मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करना है।”
वर्तमान में 139 वाणिज्यिक बैंक 1,56,951 शाखाओं के माध्यम से 300 करोड़ जमा खातों और 40 करोड़ ऋण खातों को संभालते हैं। 300 करोड़ जमा खातों में से 98.5 प्रतिशत में शेष राशि 5 लाख रुपये से कम है।
इन बैंकों के पास शाखा से जुड़े 1.26 लाख एटीएम और शाखा से दूर 97,826 एटीएम हैं, इसके अलावा 17.36 लाख माइक्रो एटीएम भी हैं।
बैंकों ने अपने खाताधारकों को 96.94 करोड़ डेबिट कार्ड, 10.25 करोड़ क्रेडिट कार्ड वितरित किए हैं और 88.38 लाख बिक्री केन्द्रों को सेवाएं प्रदान की हैं। इसके अलावा 20 लाख बैंक मित्र ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इसकी वजह से पिछले दस सालों में बैंक खातों की संख्या और बैंकिंग लेन-देन में भारी वृद्धि हुई है। इससे बैंक ग्राहकों के लिए कहीं भी लेन-देन करना बहुत सुविधाजनक हो गया है। परंतु, वित्तीय साक्षरता, तकनीकी जानकारी और ज्ञान की कमी ने आम आदमी के लिए लेन-देन को बहुत जटिल बना दिया है। नतीजतन, 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2023 तक के नौ सालों में बैंक ग्राहकों को 4.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।”