CITU ने कर्नाटक सरकार के IT कर्मचारियों के लिए 14 घंटे कार्य दिवस के प्रस्ताव की निंदा की

भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (CITU) की प्रेस विज्ञप्ति

प्रेस विज्ञप्ति  22 जुलाई 2024

CITU ने कर्नाटक सरकार के IT क्षेत्र में 14 घंटे का कार्य दिवस शुरू करने के कदम की निंदा की

 कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम 1961 में प्रस्तावित संशोधन के साथ IT/ITeS/BPO क्षेत्र में काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे प्रतिदिन करने का कदम उठाया है, जिसकी भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र निंदा करता है। प्रस्तावित संशोधन, जो 14 घंटे के कार्य दिवस को बाध्य करता है, किसी भी कर्मचारी के निजी जीवन जीने के मूल अधिकार पर हमला है। इससे IT/ITeS कम्पनियों को अपने दैनिक कार्य के घंटों को अनिश्चित काल तक बढ़ाने में सुविधा होगी। कम्पनियां वर्तमान में विद्यमान तीन शिफ्टों के स्थान पर प्रतिदिन दो शिफ्टों में काम चला पाएंगी तथा एक तिहाई कार्यबल को उनके रोजगार से बाहर कर दिया जाएगा। कार्य घंटों को बढ़ाकर कम कार्यबल के साथ निरपेक्ष रूप से कर्मचारियों से अधिक अधिशेष मूल्य निकाला जाएगा।

यह कर्नाटक की कांग्रेस नीत राज्य सरकार का मजदूर वर्ग पर तीसरा आक्रमण है। पहला हमला अगस्त 2023 में फैक्ट्रीज़ एक्ट में संशोधन को लागू करना था। इसे राज्य में पिछली भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लाया था, जिसमें काम के घंटे बढ़ाए गए थे और महिला श्रमिकों को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई थी । इसका राज्य के श्रमिकों और ट्रेड यूनियनों ने कड़ा विरोध किया था। दूसरा हमला IT और ITeS उद्योगों को औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम से छूट का अगले 5 वर्षों के लिए विस्तार करना था। तीसरा हमला IT/ITeS/BPO क्षेत्र में काम के घंटे बढ़ाकर 14 घंटे प्रतिदिन करने का प्रस्तावित संशोधन है।

कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम से IT और ITeS उद्योगों को छूट के विस्तार के अनुसरण में, तेलंगाना राज्य सरकार ने दुकानें और प्रतिष्ठान अधिनियम से IT और ITeS को छूट के विस्तार को बढ़ा दिया है। इसके अलावा अब कर्नाटक राज्य सरकार भी दुकानों और प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करके काम के घंटे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। प्रस्तावित संशोधन इंफोसिस के नारायण मूर्ति द्वारा प्रति सप्ताह 72 घंटे काम करने के आग्रह के अनुरूप है। यह सब केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नियोक्ता वर्ग को खुश करने के लिए अपनाई गई नवउदारवादी नीतियों के अनुरूप किया जा रहा है, जबकि मौजूदा अधिनियम ओवरटाइम सहित प्रतिदिन अधिकतम 10 घंटे काम की ही अनुमति देता है।

CITU कर्नाटक सरकार से इस तरह के संशोधन से दूर रहने की मांग करती है और श्रमिकों से आह्वान करती है कि वे इस तरह के क्रूर संशोधन के खिलाफ IT और ITeS कर्मचारियों के संघर्ष में उनके साथ एकजुटता से खड़े हों और इसका विरोध और दृढ़ता से करें।

द्वारा जारी:
तपन सेन
महासचिव

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments