किसानों ने 23 सितंबर को काला दिवस मनाने की मजदूरों की योजना का समर्थन किया

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, क्षेत्रीय फेडरेशनों/एसोसिएशनों और संयुक्त किसान मोर्चा के मंच का वक्तव्य


21 अगस्त 2024 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, क्षेत्रीय महासंघों/एसोसिएशनों और संयुक्त किसान मोर्चा के मंच की संयुक्त बैठक के बाद आज 23.08.2024 को प्रेस को जारी निम्नलिखित बयान।

मज़दूर और किसान अपनी मांगों को लेकर आपसी समन्वय और संयुक्त सामूहिक कार्रवाई बढ़ाएंगे
26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के रूप में मनाया जाएगा

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा की संयुक्त बैठक में इस बात पर गुस्सा व्यक्त किया गया कि आम चुनावों में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद NDA सरकार मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, जन-विरोधी और कॉरपोरेट-परस्त एजेंडे पर काम कर रही है। सरकार के बजट में उनके एजेंडे को नजरअंदाज किया गया है और बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया गया है।

आनेवाले समय में संघर्ष को तेज करने तथा एकता को जमीनी स्तर तक ले जाने का निर्णय लिया गया।

यह भी संकल्प लिया गया कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चार राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में मुकाबला करेगी तथा उन्हें सत्ता से बाहर रखने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान संयुक्त अभियान चलाएगी।

SKM ने 23 सितंबर को, जिस दिन कोविड-19 महामारी के दौरान सितंबर 2020 में तीन श्रम संहिताएं पारित की गई थीं, इस साल उस दिन काला दिवस के रूप में मनाने के ट्रेड यूनियनों के कार्यक्रम को सभी प्रकार का समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

यह सहमति हुई कि अक्टूबर माह में दोनों मोर्चों के नेतृत्व व्यापक चर्चा के लिए मिलेंगे, ताकि जनता और राष्ट्र के हित के लिए हानिकारक जारी प्रतिगामी और प्रतिक्रियावादी नीतियों के खिलाफ एकजुट संघर्ष को बढ़ाया जा सके।

बैठक में जबरन स्मार्ट मीटर लगाने की निंदा की गई तथा इस स्थापना के खिलाफ आंदोलन को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया गया। बैठक में सरकार से प्रीमियम एवं लाभ, चिकित्सा बीमा तथा कृषि पर GST हटाने की मांग की गई।

बैठक में 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया, जिसमें राज्यों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे (रूपरेखा बाद में तय की जाएगी)।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा SKM ने बैंक यूनियनों पर हमलों तथा इस रणनीतिक क्षेत्र के निजीकरण की नीतियों के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा 28 अगस्त को आहूत हड़ताल को भी समर्थन दिया।

बैठक में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, क्रूर बलात्कार तथा हत्याओं का संज्ञान लिया गया। इन जघन्य कृत्यों की निंदा करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने की आंदोलनकारियों की मांगों को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया गया। समाज को भयमुक्त जीवन जीने के लिए सुरक्षित बनाने के लिए निवारक उपाय आवश्यक हैं।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, क्षेत्रीय महासंघों/एसोसिएशनों
तथा
संयुक्त किसान मोर्चा का मंच

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