कामगार एकता कमिटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
भारतीय बंदरगाह मज़दूर यूनियनों ने वेतन संशोधन और पेंशन लाभों के तत्काल निपटान की मांग को लेकर 28 अगस्त से हड़ताल का आह्वान किया है। यह जानकारी यूनियन के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोट में दी गई है।
शिपिंग मंत्रालय ने मार्च 2021 में एक द्विपक्षीय वेतन वार्ता समिति का गठन किया। गठन के 6 महीने बाद—और उस वर्ष दिसंबर में पिछले समझौते की समाप्ति से पहले—मज़दूरों ने अपनी मांगें प्रस्तुत कीं।
अब तक वेतन वार्ता समिति की सात बार बैठक हुई, लेकिन वह बंदरगाह मज़दूरों की मांगों को पूरा करने में विफल रही है।
यूनियनों ने इस महीने तमिलनाडु के थूथुकुडी में एक बैठक के बाद हड़ताल का आह्वान करने का निर्णय लिया।
कलकत्ता पोर्ट और शोर मजदूर यूनियन द्वारा दी गई हड़ताल की नोटिस और उनकी मांगें नीचे दी गई हैं।
कलकत्ता पोर्ट और शोर मजदूर यूनियन
क्रमांक SMU/20/55 दिनांक: 12.08.2024
प्रति,
अध्यक्ष,
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता
15, स्ट्रैंड रोड
कोलकाता 700001
महोदय,
विषय: हड़ताल की सूचना
औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 की उपधारा 1 में निहित प्रावधानों के अनुसार, हम आपको सूचित करते हैं कि हम 28.08.2024 को सुबह 6 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखते हैं। हड़ताल का आह्वान तूतीकोरिन से प्रमुख बंदरगाह और गोदी मज़दूरों के महासंघों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा 07.08.2024 को किया गया है, जो बंदरगाह मज़दूर महासंघों का संयुक्त मंच है। हड़ताल के आह्वान के कारणों को अनुलग्नक-I में समझाया गया है।
संलग्न: अनुलग्नक-I
भवदीय,
समरेंद्र मंडल
महासचिव
अनुलग्नक-I
मांगें
- बिना किसी पूर्व शर्त के तत्काल वेतन समझौता पूरा किया जाए
- 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की अवधि के लिए PLR निपटान हेतु शीघ्र अनुमोदन प्राप्त करें
- सभी प्रमुख बंदरगाहों में राष्ट्रीय संपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन परियोजनाओं के कार्यान्वयन को वापस लिया जाए
- प्रमुख बंदरगाहों में सभी तकनीकी, परिचालन और मंत्रिस्तरीय प्रवेश स्तर के पदों को भरा जाए
- कर्मचारियों व अधिकारियों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करने का प्रयास बंद करें तथा मंत्रालय के दिनांक 27.11.2023 के आदेश को रद्द करें
- PPP मॉडल के तहत बंदरगाह अस्पतालों की आउटसोर्सिंग की नीति को समाप्त किया जाए
- प्रमुख बंदरगाहों में 01.04.2004 को या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए NPS 2004 को समाप्त किया जाए तथा CCS पेंशन योजना को बहाल किया जाए। NPS में नामांकित मृतक कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन प्रदान करें, जैसा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मामले में किया जाता है
- प्रमुख बंदरगाहों में सभी अनुबंधित एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए
- सभी प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों में मज़दूर नामितियों की नियुक्ति की जाए, जहां अब तक ऐसा नहीं किया गया है
- मौजूदा भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लाये गए तीन नए आपराधिक कानूनों को रद्द करें
- प्रमुख बंदरगाहों को मुख्य नियोक्ता होने के नाते ठेका श्रम विनियमन एवं उन्मूलन अधिनियम 1970 के अनुसार ठेकेदारों की ओर से विफलता के मामलों में अपनी जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए
- भारतीय शिपिंग उद्योग और देश के नाविकों को कमजोर करने वाले विदेशी ध्वज शिपिंग कार्टेलों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किए जा रहे कैबोटेज प्रतिबंधों को कमजोर करने के प्रयास को रोकें
- पेंशन लाभ सहित सभी समझौतों को तत्काल लागू किया जाए
- 01.01.2007 से C और D कर्मचारियों को अतिरिक्त 14% फिटमेंट और विशेष भत्ता प्रदान किया जाए
- पहले की तरह श्रम महासंघों के साथ मंत्रालय स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित करें, जिसका उद्देश्य हो श्रम मामलों के साथ-साथ बंदरगाह से संबंधित मुद्दों को सुलझाना
- मंत्रालय और बंदरगाह प्रबंधन द्वारा सभी प्रकार की अनुचित श्रम प्रथाओं को रोका जाए, जिसमें ट्रेड यूनियन अधिकारों और विशेषाधिकारों का हनन भी शामिल है