मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
18 अक्तूबर, 2024 को हरियाणा की मानेसर तहसील के सामने मारुति-सुजुकी के बर्ख़ास्त मज़दूरों ने अपने परिवारों के सदस्यों के साथ विरोधसभा का आयोजन किया। प्रशासन और पुलिस के दबाव को दरकिनार करते हुए, बर्ख़ास्त कर्मचारियों की बहाली, मारुति सुजुकी में अस्थायी कर्मचारियों के लिए उचित वेतन समझौता और स्थायीकरण की मांग को लेकर यह सभा आयोजित की गई।
विरोध सभा में हरियाणा और अन्य जिलों के गांवों के मज़दूर-किसान, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र के मज़दूर और ट्रेड यूनियन, छात्र-युवा संगठन, पत्रकार और प्रगतिशील लोग शामिल हुए।
विरोध सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने एक सुर में मांग की कि सभी बर्ख़ास्त मज़दूरों की बहाली की जाये। सभी झूठे मामलों को वापस लिया जाये।
आपको बताते चलें कि मारुति सुजुकी स्ट्रगल केमटी की अगुवाई में, बर्ख़ास्त मज़दूरों का संघर्ष धरने के रूप में आईएमटी मानेसर में जारी है। इस धरना को ख़त्म करने के लिए हरियाणा सरकार लगातार दबाव बना रही है। इसी सिलसिले में 15 अक्तूबर को एसडीएम मानेसर ने मज़दूरों को अपना धरना बंद करने की ‘सलाह’ देते हुए नोटिस जारी किया था। राज्य की पुलिस ने बर्ख़ास्त मज़दूरों के संघर्ष के समर्थन में पर्चा बांटने के लिए दो मज़दूरों को 7 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया। सरकार का कहना है कि फैक्ट्री गेट पर पर्चे बांटकर मज़दूर ‘औद्योगिक शांति भंग’ कर रहे हैं। हरियाणा सरकार धरना स्थल पर शांतिपूर्वक बैठे मज़दूरों को येन-केन-प्रकारेण बार-बार परेशान कर रही है।
लेकिन मज़दूरों ने विरोध सभा करके सरकार व क्षेत्र के पूंजीपतियों को संदेश दिया कि वे न्याय के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे और आने वाले दिनों में अस्थायी कर्मचारियों के मुद्दों और मांगों को उठाकर संघर्ष करते रहेंगे।
क्रांतिकारी नौजवान सभा, कलेक्टिव और दिशा छात्र संगठन के साथियों ने क्रांतिकारी गीत गाए और सभा में जोश भरा।
सभा में भाग लेने वालों में शामिल संगठन थे – जनसंघर्ष मंच हरियाणा, बेलसोनिका यूनियन, इंक़लाबी मजदूर केन्द्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर, नेस्ले यूनियन रुद्रपुर, क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा फ़रीदाबाद, रॉकेट रिद्धि सिद्धि यूनियन रुद्रपुर, मजदूर सहायता समिति, श्रमिक संग्राम कमिटी, करोलिया लाइटिंग यूनियन रुद्रपुर, पी.एस.वाई.ए., आइसा, डी.एस.एफ., एस.यू.सी.आई., मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), ए.आई.सी.डब्ल्यू.यू, मजदूर अधिकार संगठन आदि।