कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
पश्चिमी ओडिशा के बरगढ़ जिले के किसानों ने बिजली वितरण के निजीकरण के खिलाफ बड़े पैमाने पर संघर्ष शुरू किया है। वहाँ बिजली वितरण टाटा पावर को सौंप दिया गया है। अपने संघर्ष के तहत किसान टाटा पावर द्वारा लगाए गए प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटरों का बहिष्कार कर रहे हैं।
पश्चिमी ओडिशा के बरगढ़ जिले में 15,000 से अधिक किसानों ने अपने घरों और खेतों में लगे स्मार्ट मीटरों को हटाकर पद्मपुर और अन्य ब्लॉकों में टाटा पावर के कार्यालय में जमा कर दिया है। स्मार्ट मीटर बहिष्कार पूरे बरगढ़ जिले और पश्चिमी ओडिशा के आसपास के जिलों में एक व्यापक आंदोलन बन गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बिजली वितरण के निजीकरण के खिलाफ किसानों के संघर्ष में उनका पूरा समर्थन किया है। 8 नवंबर 2024 को पश्चिमी ओडिशा के पदमपुर में ‘संयुक्त कृषक संगठन’ द्वारा ‘कृषक गर्जन समावेश’ का आयोजन किया गया। एसकेएम ने खेती-किसानी करने वाले परिवारों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की है।
स्मार्ट मीटर का बहिष्कार करने वाले किसानों के खिलाफ राज्य सरकार पुलिस केस दर्ज कर रही है। एसकेएम ने ओडिशा की भाजपा सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कड़ी निंदा की है। इसने राज्य सरकार से किसान नेताओं और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को तुरंत वापस लेने और अपने जायज मुद्दों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग की है।