कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
6 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा (संलग्न) उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी दोनों डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ़ बिजली कर्मचारियों के संघर्ष में उनका साथ न दे सकें।
यूपी के ग्रिड पावर सिस्टम्स ने सभी संविदा कर्मचारियों को बिजली कर्मचारियों के समर्थन में किसी भी कार्रवाई में भाग लेने से आगाह किया है और उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त करने और उन्हें ब्लैक लिस्ट में डालने की धमकी दी है, ताकि वे किसी अन्य राज्य सरकार के संगठन में नौकरी न पा सकें।
दोनों नोटिस नियोक्ताओं की अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों के खिलाफ़ श्रमिकों के विरोध करने के अधिकारों पर हमला है और सभी श्रमिकों को ‘एक पर हमला सभी पर हमला है’ की सोच से इसकी निंदा करनी चाहिए।