महिलाओं व बच्चों सहित चंडीगढ़ शहर निवासियों और किसान संगठनों ने बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ़ कैंडल मार्च निकाला

कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट


चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ़ 7 दिसंबर को चंडीगढ़ में एक कैंडल मार्च निकाला गया। विरोध मार्च में विभिन्न गांवों से आए लोगों व किसान संगठनों ने भाग लिया। इस मार्च की खासियत थी बड़ी संख्या में बच्चों व महिलाओं का भाग लेना। वे हाथों में विभाग का निजीकरण बंद करो के प्लेकार्ड लिए हुए थे और लोगों को जागरूक करने के लिए नारे लगा रहे थे। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे बिजली निजीकरण को रोकने के मुहिम में शामिल हों।

युवा किसान यूनियन, वाल्मीकि धर्म समाज चंडीगढ़, पेंडू संघर्ष समिति, तर्कसंगत समिति चंडीगढ़ और अन्य संगठनों के सदस्यों ने मोमबत्ती जलाकर कहा कि अगर बिजली निजी हाथों में गई तो उन्हें फिर से मोमबत्ती जलाकर जीना पड़ेगा।

युवा किसान एकता के अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी हालत में बिजली को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे। उन्होंने घोषणा की कि यह विरोध मार्च हर शाम चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा।
ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि प्रसाशन की ओर से निजीकरण लोगों पर थोपा जा रहा है। चंडीगढ़ का कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता कि बिजली निजी हाथों में दी जाए। सरकार जानबूझकर पूँजीपतियों के हाथों में देने जारही है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। लोग गाँव से निकलकर सकड़ों पर उतरेंगे और सरकार के इस फैसले को पलटवाएंगे।

एक शहर निवासी महिला ने कहा कि अभी से घर चलाना बहुत मुश्किल हो चुका है। अगर बिजली भी निजी हो जाएगी तो कंपनी दाम बढ़ाएगी। ऐसे में लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। महंगाई पहले से ही बहुत ज्यादा है। सभी को इस कदम के खिलाफ़ आना होगा, तभी जाकर यह निजीकरण रुकेगा।

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