AIPF ने उत्तर प्रदेश सरकार से वाराणसी और आगरा की सरकारी बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण और बिजलीकर्मियों पर दबाव डालना बंद करने की मांग की

ऑल इंडिया पॉवरमेन्स फेडरेशन (AIPF) का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र

(अंग्रेजी पत्र का अनुवाद)

संदर्भ: एआईपीएफ/यूपी सीएम/विद्युत क्षेत्र का निजीकरण/24 (11) दिनांक: 06.12.2024

माननीय मुख्यमंत्री जी,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ

विषय: वाराणसी एवं आगरा की राजकीय स्वामित्व वाली विद्युत वितरण कम्पनियों का निजीकरण तथा विद्युतकर्मियों पर दमनात्मक कार्रवाई बंद की जाए

महोदय,

यह अत्यंत चिंता का विषय है कि आपकी सरकार ने हितधारकों से चर्चा किए बिना ही वाराणसी एवं आगरा की राजकीय स्वामित्व वाली विद्युत वितरण कम्पनियों के निजीकरण का एकतरफा निर्णय ले लिया है।

हम यह बताने के लिए बाध्य हैं कि घाटे की भरपाई के नाम पर आपकी सरकार ने निजी मालिकों के हित में राजकीय स्वामित्व वाली विद्युत वितरण कम्पनियों का निजीकरण करने का प्रतिगामी निर्णय लिया है।

अभिलेखों से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए पावर कॉरपोरेशन की बकाया वसूली 1 लाख 15 सौ करोड़ रुपए है। कहने की आवश्यकता नहीं है कि अधिकांश बकाया सरकारी उद्यमों और बड़े व्यापारियों पर है।

यह एक रिकॉर्ड की बात है कि देश और विदेश में बिजली क्षेत्र के निजीकरण का परिणाम उद्योग, कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं के हित में सकारात्मक और सुधारात्मक उपाय लाने में बुरी तरह विफल रहा है।

यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि आपकी सरकार की राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण का निर्णय आने वाले दिनों में उद्योग, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के लिए विनाशकारी प्रभाव लाएगा।

उपरोक्त पृष्ठभूमि के तहत, हम आपके सम्मानित कार्यालय से अनुरोध करेंगे कि वाराणसी और आगरा के राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के निर्णय के साथ-साथ बिजलीकर्मियों पर बलपूर्वक कदम उठाने से बचें।

धन्यवाद,

आपका, (समर कुमार सिन्हा) महासचिव

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