उत्तर प्रदेश के विद्युत तकनीकी कर्मचारियों ने निजीकरण को रोकने का संकल्प किया और संयुक्त संघर्ष समिति में में जुड़ने का निर्णय लिया

विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ उ.प्र. का आह्वान

प्रिय बहादुर साथियों,

हम सभी जानते हैं कि कोई भी विभाग देश की जनता की सेवा के लिए होता है। बिजली जो एक अद्भुत साधन है, उसमें किसी भी प्रकार की मिलावट संभव नहीं है। आज बिजली हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है। गरीब किसानों, छोटे उद्योगों, दुकानदारों, ई-रिक्शा चालकों, बीपीएल धारकों और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं तक बिजली की सेवा हम, बिजली कर्मचारी, पूरी निष्ठा और सेवा-भाव से पहुंचाते हैं।

वर्तमान में चल रही निजीकरण की प्रक्रिया न तो जनता के हित में है और न ही यह देश के विकास के लिए उपयुक्त है। इसके दुष्परिणाम लंबे समय तक सभी पर प्रभाव डालेंगे।

बहादुर साथियों,

हमें वर्तमान में उत्तर प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा संचालित ओटीएस (एक मुश्त समाधान) योजना को सफल बनाना है और इसके साथ-साथ निजीकरण की इस प्रक्रिया को रोकने का भी संकल्प लेना है।

हमारा आह्वान है कल 15 दिसंबर, को सभी क्रांतिकारी साथी अपने-अपने कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करें।

हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बिजली आपूर्ति जारी रहे, ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

कार्यालय के समाप्त होने के बाद जन-जागरण अभियान के माध्यम से जनता को इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराएं।

संगठित प्रयास से ही सफलता संभव है।

साथियों आइए, एकजुट होकर निजीकरण के इस भूत को भगाने का संकल्प लें।

केंद्रीय अध्यक्ष
विभांशु कुमार सिंह
विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ उ.प्र.।

 

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