विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी से प्राप्त रिपोर्ट
लखनऊ में हजारों बिजली कर्मचारियों ने 23 जनवरी 2025 की सुबह से ही शक्ति भवन को घेर रखा। न तो प्रबंधन और न ही सलाहकार, बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए सलाहकार की नियुक्ति के लिए बोली लगाने के लिए निर्धारित स्थान शक्ति भवन में घुस पाए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देने के बाद बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने निजीकरण के फैसले को वापस लेने तक लड़ाई जारी रखने और तेज करने का संकल्प लिया।
इंकलाब जिंदाबाद!
जय हिंद!