उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखा

कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों ने दो वितरण कंपनियों के प्रस्तावित निजीकरण और अनुबंधित कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर हटाने के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, कानपुर और झांसी समेत कई जिलों में 3 फरवरी 2025 को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक श्री दुबे ने कहा कि आंदोलन पूरे सप्ताह जारी रहेगा।

श्री दुबे ने कहा, “1,200 से अधिक अनुबंधित कर्मचारियों को पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया है, जिनमें से कई आधिकारिक 55 वर्ष की आयु के मानदंडों को भी पूरा नहीं करते हैं। इस कदम से अंततः 20,000 नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।”

कई प्रभावित कर्मचारी कई वर्षों से अल्प वेतन पर काम कर रहे थे, कुछ तो सेवा में अक्षम भी हो गए। संघर्ष समिति के नेताओं ने चेतावनी दी कि अनुबंधित कर्मचारियों के बाद, स्थायी कर्मचारियों को भी निजी कंपनियों के दबाव में छंटनी का सामना करना पड़ सकता है।



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