महाराष्ट्र के सतारा में बिजली उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर का विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी दी

कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट

24 जनवरी 2025 को महाराष्ट्र के सतारा के कराड कस्बे में विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) के स्थानीय नेताओं ने स्मार्ट मीटर नीति का विरोध करते हुए महावितरण (महाराष्ट्र डिस्कॉम) के मुख्य कार्यकारी अभियंता को पत्र सौंपा और स्मार्ट मीटर की स्थापना बंद न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

केंद्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत विभिन्न राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। RDSS के अनुसार राज्यों को 1 अप्रैल 2025 से सभी आम बिजली उपभोक्ताओं, किसानों, छोटे व्यापारियों और कारोबारियों के लिए स्मार्ट मीटर लगाने हैं। विपक्षी दल ने इस नीति का कड़ा विरोध किया और मांग की कि स्मार्ट मीटर की जबरन स्थापना बंद की जाए। अन्यथा, उपभोक्ता केंद्र और राज्य सरकारों और महावितरण कंपनी की नीतियों के खिलाफ तीव्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, जो उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रही हैं और केवल निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही हैं।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने संसद में घोषणा की थी कि स्मार्ट मीटर सबसे पहले सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में लगाए जाएंगे। इनके प्रभावों का अध्ययन करने के बाद ही सरकार आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के लिए इन मीटरों को उपलब्ध कराने पर विचार करेगी। इसके बावजूद आज उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर थोपे जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को तुरंत रोका जाना चाहिए, अन्यथा इसे संसद की अवमानना और अधिकारों का हनन माना जाएगा।

पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिजली एक आवश्यक सेवा है और उचित दरों पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना किसी भी जन कल्याणकारी सरकार का कर्तव्य है। किसी भी कंपनी को इस सेवा को व्यवसाय में बदलकर उपभोक्ताओं को लूटने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments