अभिमन्यु धनखड़, राष्ट्रीय महासचिव, AIFOPDE
उत्तराखंड विधुत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा (UVAKSSM) के तत्वाधान में विद्युत अधिकारी एवं कर्मचारियों की फ़ौलादी एकता को सादर नमन करते हुए बिना किसी संकोच के आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए आज़ाद भारत में आंदोलन के सर्वोच्च हस्ताक्षर परम आदरणीय जयप्रकाश जी के आंदोलन के समय आदरणीय रामगोपाल दीक्षित जी की रचना उत्तराखंड के ऐतिहासिक बिजली आंदोलन की पूर्व संध्या पर आप सबों हेतु प्रेषित करते हुए गर्व महसूस कर रहा हूँ।
हम पुनः आपको पूर्ण यकीन, भरोसा और विश्वास दिलवाते हुए आह्वान कर रहे हैं कि UVAKSSM को ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स (AIFOPDE) और नेशनल कॉर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिकल एम्प्लौईज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) की ओर से पूर्ण सक्रिय एवं क्रियात्मक सहयोग दिया जाएगा।
“जयप्रकाश का बिगुल बजा तो जाग उठी तरुणाई है,
तिलक लगाने तुम्हें जवानों क्रान्ति द्वार पर आई है,
आज चलेगा कौन देश से भ्रष्टाचार मिटाने को ,
बर्बरता से लोहा लेने, सत्ता से टकराने को,
आज देख लें कौन रचाता मौत के संग सगाई है,
(तिलक लगाने..)
पर्वत की दीवार कभी क्या रोक सकी तूफ़ानों को,
क्या बन्दूकें रोक सकेंगी बढते हुए जवानों को?
चूर – चूर हो गयी शक्ति वह , जो हमसे टकराई है,
(तिलक लगाने.. )
लाख़ लाख़ झोपडियों मे तो छाई हुई उदासी है,
सत्ता – सम्पत्ति के बंगलों में हंसती पूरणमासी है,
यह सब अब ना चलने देंगे, हमने कसमें खाई हैं,
(तिलक लगाने..)
सावधान, पद या पैसे से होना है गुमराह नही,
सीने पर गोली खा कर भी निकले मुख से आह नही,
ऐसे वीर शहीदों ने ही देश की लाज बचाई है,
( तिलक लगाने..)
आओ कृषक, श्रमिक, नागरिकों, इंकलाब का नारा दो-
कविजन ,शिक्षक , बुद्धिजीवियों अनुभव भरा सहारा दो,
फ़िर देखें हम सत्ता कितनी बर्बर है बौराई है,
तिलक लगाने तुम्हे जवानों क्रान्ति द्वार पर आई है..”
इंकलाब जिंदाबाद
अभिमन्यु धनखड़
राष्ट्रीय महासचिव
AIFOPDE