कॉम. सीएच. नरसिंगराव, अध्यक्ष, विशाखा उक्कू परिरक्षा पोराटा समिति, RINL, विशाखापत्तनम और अन्य द्वारा केंद्रीय इस्पात मंत्री को पत्र
(अंग्रेजी पत्र का अनुवाद)
विशाखापत्तनम
तारीख: 15-05-2025
प्रति,
श्री एच.डी. कुमार स्वामी
माननीय इस्पात मंत्री
भारत सरकार
नई दिल्ली
आदरणीय महोदय,
सबसे पहले हम आपके RINL के दो बार दौरा करने की आपकी पहल और उत्पादन में सुधार करने तथा तीसरी ब्लास्ट फर्नेस को जल्द से जल्द फिर से चालू करने का आश्वासन देने की सराहना करते हैं। RINL प्रबंधन द्वारा लागू किए जा रहे दमनकारी और मजदूर विरोधी उपायों के कारण RINL में वर्तमान स्थिति बहुत प्रतिकूल है। हम आपसे हस्तक्षेप करने और चीजों को सही करने का अनुरोध करते हैं। पिछले चार वर्षों से हम RINL की रणनीतिक बिक्री के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन हमने उत्पादन को रोकने का कोई कार्यवाही नहीं किया है, लेकिन अब हमारे पास RINL प्रबंधन की कार्रवाई का विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
RINL प्रबंधन ने मान्यता प्राप्त यूनियन के अपर महासचिव जे रामकृष्ण और एक अन्य प्रमुख ट्रेड यूनियन CITU के महासचिव यू रामास्वामी समेत 7 यूनियन नेताओं को 13 मई 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। RINL प्रबंधन ने 11 अखिल भारतीय केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 20 मई 2025 को हड़ताल करने के लिए आराम के समय में बैठकें आयोजित करने के बहाने 14 मई 2025 को 4 यूनियन नेताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया। RINL के पिछले 40 वर्षों के इतिहास में में इस प्रकार का दमनकारी कदम कभी नहीं उठाया गया था। अब तक RINL में 22 अखिल भारतीय आम हड़तालें हो चुकी हैं। हर बार बैठकें कारखाना परिसर के अंदर ही आयोजित की गईं। RINL के प्रबंधन ने RINL को मज़दूरों के लिए जेल बना दिया है। पिछले 5 सालों से कोई भर्ती नहीं हुई है। इसके अलावा 1200 कर्मचारी और अधिकारी मार्च 2025 से VRS पर चले गए हैं, इसके अलावा प्राकृतिक सेवानिवृत्ति भी हुई है। नतीजतन स्थायी, ठेका मज़दूरों और अधिकारियों पर काम का बोझ कई गुना बढ़ा दिया गया है। मज़दूरों पर दमनकारी उपायों के वजह से उनकी मानसिक पीड़ा बढ़ती जा रही है। RINL का प्रबंधन पिछले 8 महीनों से हर महीने वेतन का 25% काट रहा है, जबकि भारत सरकार ने 11440 करोड़ रुपये घोषित किए थे। RINL प्रबंधन ने HRA के अधिकार को एकतरफा रूप से नकार दिया है। RINL प्रबंधन मान्यता प्राप्त यूनियन और अन्य ट्रेड यूनियनों से परामर्श किए बिना एकतरफा निर्णय ले रहा है। प्रबंधन द्वारा इस प्रकार के एकतरफा निर्णय 2022 से लागू किए जा रहे हैं। यह “अनुचित श्रम प्रथाओं” का सहारा लेने जैसा है।
प्रबंधन का रवैया RINL जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में मज़दूरों के बुनियादी ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमला करके RINL जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को यूनियन से अलग करना के अलावा और कुछ नहीं है। RINL में दमनकारी उपायों का सहारा लेना अवैध और निंदनीय है। प्रबंधन ट्रेड यूनियनों को RINL में श्रृंखलाबद्ध आंदोलन का सहारा लेने के लिए मजबूर कर रहा है।
इन परिस्थितियों में हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमारे देश के लोकतांत्रिक अधिकारों को लागू करने तथा RINL में अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए शीघ्रातिशीघ्र TU अधिकारों को लागू करने के लिए हस्तक्षेप करें।
सादर,
सीएच. नरसिंगाराव, अध्यक्ष,
एम. राजशेखर, अध्यक्ष,
डी. आदिनारायण, अध्यक्ष।