उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन के पूर्णतया असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक, तानाशाही पूर्ण, दमनकारी रवैये का धिक्कार करें

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश का वक्तव्य

दम है तेरे दमन में कितना, देखा है और देखेंगे!!!

उप्र पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल द्वारा उप्र पॉवर कॉरपोरेशन लि. कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली 2020 में अलोकतांत्रिक ढंग से पंचम संशोधन कर बिना जांच के सीधे बर्खास्तगी का अधिकार ले लेने के आदेश से प्रदेश भर में बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा फूट पड़ा है। यह ऊर्जा निगमों में तानाशाही की पराकाष्ठा है।

उप्र उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्मिक विनियमावली (अनुशासन एवं अपील) में पंचम संशोधन कर प्रबन्धन ने यह अधिकार ले लिया है कि शांति पूर्वक आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों, अधिकारियों को बिना जांच के सीधे पदच्युत (dismissal from service which disqualifies for future employment), सेवा समाप्ति (removal) या पदावनति (reduction in rank) किया जा सकता है।

यह आदेश प्रबन्धन के पूर्णतया असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक, तानाशाही पूर्ण, दमनकारी रवैये का परिचायक है।

इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। वर्ष 2000 की हड़ताल में और उसके पहले की हड़तालों में भी हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारी बर्खास्त किए गए थे और बिजली कर्मियों ने उत्तर प्रदेश की जेलों को भर दिया था। निजी घरानों से मिली भगत के चलते प्रबंधन इतना बौखला गया है कि उसे नियमों, शिष्टाचार और ऊंच नीच का भी ध्यान अब नहीं है।

निजीकरण के विरोध में हमारा आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता। हमारी कोशिश है कि हमारे आंदोलन की वजह से उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न हो। ऐसा लगता है प्रबंधन को उपभोक्ताओं की कोई परवाह नहीं है। संविदा कर्मी बर्खास्त किए जा रहे हैं।हजारों की संख्या में संविदा कर्मी नौकरी से निकाले जा चुके हैं। अब नियमित कर्मचारियों को बिना जांच के बर्खास्त करने की तैयारी है। ऐसा होता है तो इतनी भीषण गर्मी में कर्मचारियों के न रहने पर उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था ठप्प होने की जिम्मेदारी केवल प्रबंधन की होगी। बिजली कर्मचारियों का माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पर पूरा भरोसा है। संघर्ष समिति ने अपील की है और हम उम्मीद रखते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री जी हस्तक्षेप करेंगे।

वे दमन की भाषा जानते हैं हम शांतिपूर्ण संघर्ष और एकता से उसका करारा जवाब देंगे।

शहीद ए आजम भगत सिंह ने कहा था -“उसे फिक्र है हरदम नया तर्ज ए जफा क्या है। हमेशा शौक है, देखें तो सितम की इंतिहा क्या है !!!

इन्कलाब जिंदाबाद!

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश

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