अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), उत्तर प्रदेश का वक्तव्य
बिजली के निजीकरण के खिलाफ 22 जून को लखनऊ में आयोजित होने वाली विशाल सभा जन प्रतिरोध के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेगी। दोपहर 12 बजे आशियाना में डॉ. लोहिया विधि संस्थान के निकट डॉ. अंबेडकर सभागार में होने वाला यह कार्यक्रम महज एक सभा नहीं है, बल्कि विनाशकारी निजीकरण नीतियों के खिलाफ बढ़ते जन आंदोलन का आह्वान है।
बिजली का निजीकरण – एक आवश्यक सार्वजनिक सेवा – सिर्फ कर्मचारियों के अधिकारों पर हमला नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की सस्ती और न्यायसंगत ऊर्जा तक पहुंच पर सीधा प्रहार है। इस सभा का उद्देश्य इस अन्याय के खिलाफ लोगों की जागरूकता बढ़ाना और उनकी सामूहिक आवाज को मजबूत करना है।
हम इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हैं और दृढ़ विश्वास रखते हैं कि 22 जून को सार्वजनिक उपयोगिताओं की सुरक्षा के लिए देशव्यापी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में याद किया जाएगा। संदेश ज़ोरदार और स्पष्ट होना चाहिए: