अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति (AITUC)
(अंग्रेजी विज्ञप्ति का अनुवाद)
प्रेस विज्ञप्ति
अमरजीत कौर महासचिव AITUC द्वारा प्रेस को जारी किया गया निम्नलिखित वक्तव्य: 2 जुलाई 2025
कार्यस्थल सुरक्षा पर ILO कन्वेंशन 155 और 187 की पुष्टि करें, मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को खत्म करें
AITUC ने हाल ही में तेलंगाना के संगारेड्डी में सिगाची केमिकल फैक्ट्री में आग लगने की घटना में 40 मजदूरों की मौत और कई अन्य घायल, दिल्ली के रिठाला में अवैध फैक्ट्री में चार लोगों की मौत और तमिलनाडु के शिवकाशी में पटाखा फैक्ट्री में चार अन्य की मौत के पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। हम प्रत्येक मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल हुए प्रत्येक व्यक्ति को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग करते हैं, जिससे विकलांगता हो सकती है।
इन दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी केवल मालिकों/नियोक्ताओं की नहीं है, बल्कि वर्तमान सरकारों की भी है। मोदी सरकार पिछले ग्यारह वर्षों से “व्यापार करने में आसानी” के नाम पर नियोक्ताओं के लाभ के लिए मजदूरों के विरुद्ध श्रम कानूनों को कमजोर कर रही है। निरीक्षण समाप्त कर दिए गए हैं, नियोक्ताओं द्वारा उल्लंघन को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, काम के घंटों में वृद्धि की गई है, हड़ताल करने के अधिकार को छीन लिया गया है, पर्यावरण संरक्षण के लिए NOC प्राप्त करने में न केवल ढिलाई बरती गई है, बल्कि मजदूरों के अधिकारों के साथ-साथ इन औद्योगिक प्रतिष्ठानों के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन की अनदेखी करते हुए इन कानूनों पर कुछ वर्षों के लिए रोक भी लगा दी गई है।
श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार मजदूरों को सूअर की तरह समझ रही है और श्रम कानून में बदलाव का उद्देश्य कार्यस्थल पर हो रहे मौजूदा उल्लंघनों को वैध बनाना है।
इस पृष्ठभूमि में आगामी 9 जुलाई को सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की तैयारी करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि इसे सफल बनाया जा सके और इसके बाद निरंतर संघर्ष किया जा सके।
अमरजीत कौर, महासचिव, AITUC
9810144958