कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
मुंबई में सरकारी अस्पतालों के निजीकरण का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने मिलकर अस्पताल बचाओ, निजीकरण हटाओ कृति समिति की स्थापना की है। अस्पतालों का निजीकरण बहुत सारे मुंबई के रहवासियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा से वंचित कर देगा।
कृति समिति द्वारा उठाई गई जायज निम्नलिखित मांगें हैं:
- शताब्दी और लल्लूभाई कंपाउंड अस्पतालों के साथ-साथ मुंबई के किसी भी अन्य सरकारी अस्पताल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) जैसी निजीकरण की किसी भी प्रक्रिया से तुरंत और पूरी तरह से बाहर रखा जाना चाहिए।
- एम-पूर्व विभाग के सभी प्रसूति अस्पतालों में अगले 30 दिनों के भीतर NICU (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) चालू किया जाना चाहिए। साथ ही रिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित करके 3 महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए। महाराष्ट्र नगर प्रसूति अस्पताल की सेवा तुरंत शुरू की जानी चाहिए।
- सभी सरकारी अस्पतालों में 30 दिनों के भीतर निःशुल्क नैदानिक प्रयोगशाला सेवाएं शुरू की जानी चाहिए।
- सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों के लिए विज्ञापन 30 दिन के भीतर प्रकाशित किए जाएं तथा भर्ती 3 माह के भीतर पूरी की जाए।
- नगर निगम के औषधालयों में रिक्त पदों को भरकर NBC/UDPFI मानकों के अनुसार प्रत्येक 15,000 की जनसंख्या पर एक औषधालय की दर से अगले 3 माह में 38 नये औषधालय खोले जाने चाहिए।
- नगर निगम की स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित लोगों की शिकायतों को प्रत्यक्ष रूप से समझने के लिए हर महीने वार्ड कार्यालय में MOH, DMC (सार्वजनिक स्वास्थ्य) और AMC के उपायुक्तों की उपस्थिति में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की जानी चाहिए।