कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) के आह्वान पर, 2 जुलाई 2025 को पूरे भारत में लाखों बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। ये विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए आयोजित किए गए थे, जो यूपी सरकार द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ थे। अकेले यूपी में एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारियों ने इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।
कर्मचारियों ने अपने मुख्य और उप-स्टेशनों के सामने और साथ ही राज्य बिजली बोर्डों के क्षेत्रीय, सर्किल और मंडल कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया। जम्मू और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और महाराष्ट्र से लेकर त्रिपुरा तक लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं।
बिजली क्षेत्र के श्रमिकों ने 9 जुलाई की अखिल भारतीय हड़ताल में शामिल होकर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज करने का फैसला किया है, जिसमें सभी क्षेत्रों के श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है।