बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ महाराष्ट्र के 95 प्रतिशत बिजली कर्मचारी, इंजीनियर और अधिकारी हड़ताल पर गए

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कॉमरेड कृष्णा भोयर से प्राप्त रिपोर्ट

महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी कार्रवाई समिति

प्रेस वक्तव्य

दिनांक 09.07.2025 मुंबई

बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ महाराष्ट्र के 95% बिजली कर्मचारी, इंजीनियर और अधिकारी हड़ताल पर गए

महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, अभियंता, अधिकारी संयुक्त कार्रवाई समिति के नेतृत्व में राज्य के 86,000 बिजली कर्मचारी, अभियंता, अधिकारी और ठेका कर्मचारी 9 जुलाई 2025 को हड़ताल पर चले गए। 2023 में, बिजली ट्रेड यूनियनों ने एक साथ आकर हड़ताल का आह्वान किया कि महाराष्ट्र में बिजली वितरण का समानांतर लाइसेंस महावितरण कंपनी के अधिकार क्षेत्र में अडानी और अन्य निजी पूंजीपतियों को न दिया जाए। 4 जनवरी 2023 को, तत्कालीन उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्रजी फडणवीस ने ट्रेड यूनियन नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि वह राज्य के स्वामित्व वाली सरकारी बिजली कंपनियों का किसी भी प्रकार का निजीकरण नहीं करेंगे। परंतु, इस आश्वासन के विरुद्ध जाकर, महावितरण कंपनी ने निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करते हुए, निजी पूंजीपतियों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए निविदाएँ जारी की हैं। इससे कर्मचारियों में काफी बेचैनी पैदा हो गई है।

केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारें देश भर में विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों का निजीकरण कर रही हैं।

9 जुलाई 2025 को देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी राष्ट्रीय समन्वय समिति कर्मचारी एवं अभियंता (NCCOEEE) के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं।

कई निजी पूंजीपतियों ने महाराष्ट्र सरकार की महावितरण कंपनी के अधिकार क्षेत्र में वितरण लाइसेंस मांगा है। इस संबंध में महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग (MERC) के साथ 22 जुलाई, 2025 को सुनवाई होगी।

महाराष्ट्र राज्य विद्युत पारेषण कंपनी लिमिटेड (MSETCL) ने 200 करोड़ रुपये से अधिक के सभी ठेके निजी पूंजीपतियों को देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि MSETCL कंपनी अपने शेयरों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करे।

राज्य भर में 2 करोड़ 25 लाख 65 हज़ार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया निजी पूंजीपतियों को सौंप दी गई है और दस साल तक रखरखाव का काम निजी पूंजीपतियों के पास रहेगा।
निजीकरण की दिशा में उठाए जा रहे इन सभी कदमों का विरोध करने के लिए यह हड़ताल की गई।

हम यह भी मांग करते हैं कि महाराष्ट्र में उत्पादन, पारेषण और वितरण कंपनियों के जिन बिजली कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है, उनके लिए पेंशन लागू की जाए।

तीनों बिजली कंपनियों के उत्पादन, पारेषण और वितरण के 42,000 पदों को तुरंत भरा जाए और वर्तमान में कार्यरत ठेका कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए।

वेतन वृद्धि समझौते के बाद लंबित मुद्दों पर एक विसंगति समिति का गठन किया जाए।

मुख्य मांग सरकारी बिजली कंपनियों द्वारा ठेका कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक शोषण को रोकने की रखी गई है।

एक्शन कमेटी ने कुल 14 मांगों को लेकर यह हड़ताल बुलाई है।

इस हड़ताल में राज्य के 86,000 कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी और 42,000 ठेका कर्मचारी शामिल हुए।

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (MSEWF) के महासचिव कॉमरेड कृष्णा भोयर, अधीनस्थ अभियंता संघ के अध्यक्ष श्री राठौड़, कामगार एकता कमेटी के सचिव डॉ. मैथ्यू, MSEWF की महिला शाखा की अध्यक्ष श्रीमती भारती भोयर, पिछड़ा वर्ग विद्युत कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष श्री शैलेश आडे, कॉमरेड दत्तात्रेय कांबले, कॉमरेड शशिकांत मात्रे, कॉमरेड योगेश साल्वी, योगेश बागुल, सतीश पाटिल, मधुकर कोली, अर्जुन जाधव और सैकड़ों विद्युत कर्मचारी एवं इंजीनियर MSEDCL के वाशी मंडल मुख्यालय पर हुए विशाल प्रदर्शन में उपस्थित थे।

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कॉमरेड कृष्णा भोयर
महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी कार्य समिति
मोबाइल नं.: 9930003608

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