मजदूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
आम जनता की सहमति के बिना घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर के विरोध में 15 जुलाई को हनुमानगढ़ के कलेक्ट्रेट पर एक महापड़ाव आयोजित किया गया । इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया है कि स्मार्ट मीटरों के माध्यम से आम जनता को लूटा जा रहा है। निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की साज़िश करके, उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
सभा को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि इन मीटरों को लगाने से नहीं रोका गया तो प्रदेशभर में आंदोलन को तेज़ किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि हनुमानगढ़ सहित पूरे राजस्थान में इन मीटरों के लगने से उपभोक्ताओं को कोई सुविधा नहीं मिल रही, बल्कि उनके बिजली बिलों में 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हो रही है। जयपुर, झुंझुनू, जोधपुर और फतेहपुर से भी स्मार्ट मीटरों की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।
सभा को संबोधित करते हुये लोक राज संगठन के सर्व हिंद उपाध्यक्ष हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि ऐसा केवल हनुमानगढ़ जिला या राजस्थान में ही नहीं हो रहा। केंद्र सरकार की मंशा है कि 2025 तक 25 करोड़ घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे और इसके बाद में इसको प्रीपेड में बदल दिया जाएगा। बिजली जैसी बुनियादी आवश्यकता को मुनाफा कमाने के स्रोत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बिना किसी अपवाद के सभी लोगों को उचित दामों पर और अच्छी गुणवत्ता वाली सभी बुनियादी ज़रूरतें मुहैया कराना सरकार की बुनियादी ज़िम्मेदारियों में से एक है। केंद्र और राज्यों में सरकार बनाने वाली, पूंजीपतियों की सभी पार्टियां इस बुनियादी ज़िम्मेदारी को निभाने से इनकार कर रही हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोगों – बिजली कर्मचारियों, मज़दूरों और किसानों – को मिलकर स्मार्ट मीटर के विरोध में एक जन आंदोलन खड़ा करना होगा।
वक्ताओ ने बताया कि सरकार की स्मार्ट मीटर लगाने की योजना के पीछे एक स्मार्ट लूट की योजना है। निजी कंपनियां प्रीपेड सिस्टम के ज़रिए उपभोक्ताओं को लूटने की तैयारी में है। इन मीटरो में लगी चिप का पूरा नियंत्रण निजी कंपनियों के पास रहेगा। भविष्य में उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटरों को मोबाइल की तरह रिचार्ज करवाना पड़ेगा। यदि किसी कारणवश रिचार्ज नहीं हो पाया तो बिजली बंद हो जाएगी।
सभा में पूर्व विधायक बलवान पुनिया समेत अनेक मज़दूर किसान नेताओं ने अपने विचार रखे। सभा के चलते हुए जबरदस्त वर्षा आने के बावजूद, लोग कलेक्ट्रेट के आगे डटे रहे और सर्वसम्मति से यह संकल्प दोहराया कि पूरे जिले में स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे।
आगे के कार्यक्रम की घोषणा करते हुये बताया गया कि 30 जुलाई को जिले की प्रत्येक तहसील पर प्रदर्शन करके विरोध जताया जाएगा। 30 जुलाई से पहले गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में नुक्कड़ मीटिंग करके जन जागृति की जाएगी। 26 जुलाई को सीकर में स्मार्ट मिटरों के लगाये जाने के विरुद्ध, पूरे राजस्थान में आंदोलन की तैयारी के लिए मीटिंग की जायेगी। सभी से अपील की गई कि उस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लें।