राज्य भर में लगातार बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के 4 अगस्त 2025 को 250 दिन पूरे हो गए हैं, बावजूद इसके कि बड़े पैमाने पर उत्पीड़न जारी है।
उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी 250 दिनों से रोज़ाना सड़कों पर उतरकर अपनी खामोशी तोड़ रहे हैं। मीडिया ने निजीकरण के खिलाफ कई बार इस घटना पर चर्चा की है। 250 दिनों तक प्रिंट मीडिया में व्यापक कवरेज इस बात का प्रतीक है कि यह अब एक जनांदोलन बन गया है।
उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ आंदोलन बेहद विपरीत परिस्थितियों में चल रहा है। यह आंदोलन एक इतिहास रच रहा है। 250 दिनों में कितनी बिजली पंचायतें, बिजली महापंचायतें और विशाल रैलियाँ आयोजित की गई हैं, इसका गवाह पूरा देश (विद्युत कर्मचारी एवं अभियंता परिवार) है।
आंदोलन के विभिन्न चरणों में, उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में साथियों ने भाग लिया। संघर्ष समिति उनका तहे दिल से आभार व्यक्त करती है कि वे इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बने।
क्या होगा, इसकी हमें परवाह नहीं, सोचने का समय नहीं। हमने निजीकरण के विरुद्ध संघर्ष को अपना लक्ष्य बना लिया है और हम अंतिम क्षण तक पूरी ताकत और शक्ति के साथ लड़ेंगे।
इंकलाब ज़िंदाबाद!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश