लोको रनिंग स्टाफ अपनी और यात्रियों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) का पत्र

अखिल भारतीय लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के बैनर तले देश भर के भारतीय रेलवे के लोको पायलट, भारतीय रेलवे द्वारा तैयार किए गए कार्य के घंटे और विश्राम अवधि नियम, 2005 (HOER) और रेलवे बोर्ड के पत्र RBE संख्या 131/2005 के अनुसार, सभी लोको रनिंग कर्मचारियों के लिए अधिकतम 9 घंटे की ड्यूटी लागू करने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं। भारतीय रेलवे से प्रतिदिन यात्रा करने वाले करोड़ों कामकाजी लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है।

 वर्तमान में, लोको रनिंग स्टाफ के पदों में भारी रिक्तियों के कारण लोको पायलटों को 9 घंटे से ज़्यादा काम करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में आने वाली भारतीय रेलवे, आवश्यक संख्या में लोको रनिंग स्टाफ की तुरंत भर्ती करने के बजाय, 9 घंटे से ज़्यादा काम करने से इनकार करने वाले रेलकर्मियों को निलंबन और पूछताछ की धमकी दे रही है।

 हम नीचे भारतीय रेलवे के पुणे मंडल में ऐसी मनमानी कार्रवाइयों पर प्रकाश डालते हुए एक पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं। यह ज़रूरी है कि सभी मेहनतकश लोग एकजुट होकर केंद्र और राज्य सरकारों की किसी भी एजेंसी द्वारा की गई ऐसी सभी जनविरोधी कार्रवाइयों की निंदा करें।

 सेवा में,
आदरणीय DRM महोदय,
आदरणीय ADRM महोदय,
आदरणीय Sr DPO महोदय
पुणे मंडल, मध्य रेलवे।

विषय: श्रीमान Sr.DME एवं ADME महोदय द्वारा रनिंग स्टाफ के साथ किए जा रहे अवैधानिक, अमानवीय व्यवहार एवं संगठन को आंदोलन हेतु बाध्य करने के संबंध में।

महोदय,

निवेदन है कि मैं संगठन (AILRSA) की ओर से आपका ध्यान एक अत्यंत गंभीर एवं चिंताजनक विषय की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ।

दिनांक 16.08.2025 को ALP/DD श्री राजेन्द्र महला को Out Station GPR में निलंबित (Suspend) किया गया। किंतु आज चार दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें मुख्यालय (Headquarter) नहीं भेजा गया है। इतना ही नहीं, बिना मुख्यालय आए ही उनका CMS ID अवैध रूप से GPR से DD स्थानांतरित कर दिया गया तथा उन्हें “NOT TO BOOK” का संदेश भी दे दिया गया। यह कार्यवाही न केवल नियमों के प्रतिकूल है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों और प्रशासनिक न्याय की भी घोर अवहेलना है।

इसके अतिरिक्त, Sr.DME एवं ADME महोदय द्वारा यह गलत धारणा बनाई गई है कि रनिंग स्टाफ की ड्यूटी 12 घंटे की है, जबकि रेलवे बोर्ड के विभिन्न परिपत्रों तथा HOER नियमों के अनुसार रनिंग स्टाफ की ड्यूटी सप्ताह में अधिकतम 54 घंटे तथा एक बार में 09 घंटे से अधिक निर्धारित नहीं की गई है। बावजूद इसके, इन नियमों को अनदेखा कर अधिकारियों द्वारा स्टाफ पर अनावश्यक दबाव एवं प्रताड़ना डाली जा रही है।

महोदय, इस प्रकार की मनमानी एवं अवैधानिक कार्यवाही से न केवल कर्मचारियों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि स्टाफ में गहरी असंतोष एवं आक्रोश की भावना व्याप्त हो चुकी है। आज स्थिति ऐसी हो गई है कि इस मामले में 10 से अधिक चार्जशीट एवं दंड दिए जा चुके हैं। यह सब स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि संबंधित अधिकारी नियम-कानूनों की मनमानी व्याख्या कर रनिंग स्टाफ का शोषण कर रहे हैं।

माननीय महोदय, Sr.DME एवं ADME महोदय के ऐसे कृत्य रनिंग स्टाफ को बड़े आंदोलन की ओर धकेल रहे हैं। संगठन इस प्रकार के टकराव से बचना चाहता है, किंतु यदि स्टाफ का दबाव बढ़ता है तो AILRSA आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। यह स्थिति न केवल पुणे मंडल की छवि को धूमिल करेगी, बल्कि कार्यप्रणाली पर भी प्रतिकूल असर डालेगी।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि मंडल प्रशासन द्वारा की जा रही इन अवैधानिक एवं अमानवीय कार्यवाहियों पर तुरंत हस्तक्षेप कर उचित समाधान सुनिश्चित करें।

सधन्यवाद,

आपका

केन्द्रीय सहायक महासचिव,

AILRSA, Pune Division

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