चेन्नई हवाई अड्डे पर कार्गो मज़दूर अपनी यूनियन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट के संवाददाता की रिपोर्ट

चेन्नई हवाई अड्डे पर एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया कार्गो एरिया लॉजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी (एएआईसीएलएएस) के अंतर्गत 800 से ज़्यादा कार्गो मज़दूर कार्यरत हैं। इनमें लोडर, फोर्क लिफ्ट ऑपरेटर और सुपरवाइज़र शामिल हैं। ये मज़दूर चेन्नई हवाई अड्डे पर कार्गो के आयात और निर्यात का सारा काम संभालते हैं। इनमें से कई मज़दूर 20-25 वर्षों से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) के अंतर्गत काम कर रहे हैं। ये मज़दूर ओमेगा एंटरप्राइजेज़ नामक एक ठेकेदार कंपनी में ठेका मज़दूर के रूप में कार्यरत हैं, जो कार्गो संचालन के लिए मानव संसाधन उपलब्ध कराती है। ठेकेदार ने हाल ही में लगभग 300 और मज़दूरों को काम पर रखा है।

इन मज़दूरों को 12 घंटे की शिफ्ट में कमर तोड़ मेहनत करने के लिए मजबूर किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, मज़दूरों की संख्या घटाकर एक तिहाई कर दी गई है, जिससे कार्गो कॉम्प्लेक्स में मौजूदा मज़दूरों पर काम का बोझ बहुत बढ़ गया है। उन्हें रविवार के अलावा, कोई छुट्टी या अवकाश नहीं मिलता है। अगर वे एक दिन की भी छुट्टी लेते हैं, तो उनका डेढ़ दिन का वेतन काट लिया जाता है। मज़दूरों को बहुत कम वेतन दिया जाता है, जिसकी वजह से, रोज़मर्रे की ज़रूरतों की बढ़ती क़ीमतों के चलते, जीवन जीना बहुत मुश्किल हो गया है। वे तीव्र शोषण के शिकार हैं।

इन दर्दनाक परिस्थितियों को सहन न कर पाने के कारण, कार्गो मज़दूरों ने अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने का फ़ैसला किया है। उन्होंने चेन्नई विमान निलय कार्गो थोझिलालर्गल संगम (चेन्नई एयरपोर्ट कार्गो वर्कर्स यूनियन) नामक एक यूनियन बनाई है।

जैसे ही मज़दूरों ने यूनियन को बनाया, वैसे ही प्रबंधन ने यूनियन के नौ पदाधिकारियों को बर्ख़ास्त कर दिया।

औद्योगिक विवाद अधिनियम (इंडस्ट्रियल डिसप्यूट्स एक्ट) 1947 के अनुसार, यह मज़दूरों के अधिकारों का उल्लंघन है और इसे “अनुचित श्रम व्यवहार” माना जाता है, जो एक दंडनीय अपराध है। यूनियन ने प्रबंधन से बर्ख़ास्त किये गए मज़दूरों को वापस लेने और उनकी मांगों पर विचार करने को कहा है। लेकिन, प्रबंधन ऐसा करने से इनकार कर रहा है।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एएआईसीएलएएस मुख्य नियोक्ता है और यह सुनिश्चित करने के लिए क़ानूनी रूप से ज़िम्मेदार है कि उसके मज़दूरों के अधिकारों का उल्लंघन न हो। यूनियन की मांग है कि एएआईसीएलएएस बर्ख़ास्त किये गए मज़दूरों को वापस ले और सभी ठेका मज़दूरों को नियमित करे।

कार्गो मज़दूरों ने यूनियन बनाने के अपने अधिकार पर प्रबंधन के हमलों का विरोध करने के लिए कई गेट मीटिंगें की हैं। वे बर्ख़ास्त मज़दूरों को वापस लाने और अपनी पसंद की यूनियन बनाने का अधिकार हासिल करने के लिए डटे हुए हैं।

वर्कर्स यूनिटी मूवमेंट चेन्नई एयरपोर्ट कार्गो मज़दूरों के जायज़ संघर्ष का समर्थन करता है।

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