निजीकरण के लिये उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां करने का आरोप
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश का वक्तव्य
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश के अनुसार नवरात्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति में लगे बिजली अभियंताओं और कर्मियों को विजया दशमी के पूर्व बोनस देने के बजाय, पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बड़े पैमाने पर अभियंताओं और कर्मचारियों को जबरन सेवा निवृत्ति देने और अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की तैयारी शुरू कर दी है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो गया है।
संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता की पूरी सूची जारी कर इनके विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाहियों की अद्यतन स्थिति तत्काल मांगी गई है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर अभियंताओं को जबरन सेवा निवृत्त करना है।
संघर्ष समिति ने कहा कि 24 सितंबर को जारी किए गए पत्र में तीन दिन के अंदर 27 सितंबर तक अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की अद्यतन स्थित मांगी गई है। संघर्ष समिति ने कहा कि अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता पदों की पदोन्नतियां के लिये चयन पहले ही हो चुका है। ऐसे में सभी अधीक्षण अभियंताओं और सभी मुख्य अभियंताओं की सूची जारी कर उनके बारे में अनुशासनामक कार्यवाहियों की अद्यतन स्थिति मांगने के पीछे जबरन सेवा निवृत्ति देना ही एकमात्र उद्देश्य दिखाई देता है।
संघर्ष समिति ने कहा कि शक्ति भवन के कॉरिडोर से मिल रहे समाचारों के अनुसार निजी घरानों को सहूलियत देने के लिए अभियंताओं और कर्मचारियों की बड़ी पैमाने पर जबरन सेवा निवृत्ति कर छटनी की जानी है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबन्धन विगत कई महीनों से लगातार बिजली कर्मियों का अलग-अलग तरह से उत्पीड़न कर रहा है। अभी भी हजारों बिजली कर्मचारियों को फेशियल अटेंडेंस के नाम पर 3 माह से रुका वेतन नहीं दिया गया। बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों को दूर दराज स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, हजारों संविदा कर्मियों को डाउनसाइजिंग के नाम पर निकाला गया है और अब जबरन सेवानिवृत्ति देने की प्रक्रिया की जा रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मी निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत हैं किंतु वह आम जनता को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होने दे रहे हैं। बिजली कर्मी नवरात्र, दशहरा और दीपावली पर जनता को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे, यह संघर्ष समिति का निर्णय है ।
संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंधन की निजीकरण हेतु की जा रही दमनकारी नीतियों के विरोध में आंदोलन तेज करने का फैसला दशहरे के बाद लिया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी ।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के 307 वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।