कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
महाराष्ट्र राज्य के बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों ने आज, 9 अक्टूबर को अपनी हड़ताल शुरू कर दी। महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, इंजीनियर, अधिकारी कृति समिति के बैनर तले एकजुट होकर, महाराष्ट्र भर के हज़ारों कर्मचारियों ने जोशीली गेट मीटिंगों में भाग लिया।
बिजली क्षेत्र में महाराष्ट्र सरकार की मज़दूर-विरोधी और जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ उनका गुस्सा उनके भाषणों और नारों में स्पष्ट था, जैसे “मजदूर विरोधी, उपभोक्ता विरोधी पुनर्गठन मुर्दाबाद,” “अडानी अंबानी टाटा के हित के रक्षक मुर्दाबाद,” “बिजली क्षेत्र का निजीकरण नहीं चलेगा,” “अपनी यूनियन अपनी ताकत,” “नहीं डरेंगे, नहीं डरेंगे, ESMA से नहीं डरेंगे,” “दमनकारी ESMA लागू करनेवाली सरकार मुर्दाबाद!”
महाराष्ट्र सरकार के संबंधित विभागों ने कर्मचारियों को वेतन कटौती और नए नियुक्त कर्मचारियों, जिनमें ठेका कर्मचारी भी शामिल हैं, को नौकरी से निकालने की धमकी दी है। लेकिन आज की कार्रवाई में कर्मचारियों की खुली भागीदारी न्याय के लिए लड़ने के उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और कामगार एकता कमेटी जैसे संगठनों ने पहले ही इस न्यायोचित संघर्ष को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
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