डब्ल्यू सी आर एम एस के सफल संघर्ष की जीत

डब्ल्यू सी आर एम एस के संवादाता द्वारा भेजी हुई रिपोर्ट

डब्ल्यू सी आर एम एस के अथक प्रयासों के द्वारा जो मांगे जबलपुर में उठाई गई थीं , उनको पूरा किया जा रहा है |ये सफलता डब्ल्यू सी आर एम एस के एकजुट संघर्ष की सफलता है | इस संघर्ष के परिणामस्वरूप ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन तथा पेट्रोलमैनों की समस्याओं से सम्बंधित उठाई गई सभी मांगों को जबलपुर और भोपाल में लागू किया जाएगा |

मेरे प्रिय साथियों,

बड़े हर्ष के साथ आप सभी को सूचित किया जाता है कि, डब्ल्यू सी आर एम एस के अथक प्रयासों के द्वारा हमारी जो मांगे जबलपुर में उठाई गई थीं, चाहे वह इंजीनियर डिपार्टमेंट में हो या ऑपरेटिंग डिपार्टमेंट में हो, उनको पूरा किया जा रहा है| एक-एक करके सब को पूरा किया जायेगा, चाहे 12 घंटा हो या 16 किलोमीटर हो या सुरक्षा जूते (सेफ्टी शूज) या रिस्क भत्ता की मांग हो|

सभी स्टेशनों को सूचित किया जाता है कि सभी प्वाइंटमैन भाई अपने अपने सेफ्टी शूज का नंबर स्टेशन पर लगवा दें|

यह सब हमारे डब्ल्यू सी आर एम एस के महामंत्री श्रीमान अशोक शर्मा जी, मंडल अध्यक्ष श्रीमान राजेश जी व डब्ल्यू सी आर एम एस के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अथक प्रयासों के द्वारा यह संभव हो सका है| उन सभी ने इसमें हमारा साथ दिया और गुना ब्रांच से श्रीमान बीपी सिंह जी ने अभी हुई सागर में मीटिंग में महामंत्री श्रीमान अशोक शर्मा जी से हमारे भाइयों के लिए इस मांग के लिए कहा था कि, जबलपुर में इसको पूर्ण किया जाए और भोपाल मंडल में भी लागू किया जाए| इसलिए लागू हो गया|

सभी भाइयों को बधाई हो|

डब्ल्यू सी आर एम एस जिंदाबाद

एनएफआईआर जिंदाबाद

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धर्मेंद्र कुमार कुशवाह
धर्मेंद्र कुमार कुशवाह
2 years ago

ये तो अच्छी खबर है। मै सूरत क्षेत्र मे ट्रैकमैन का काम करता हूँ । मगर दो बातें मेरी समझ मे नही आती। सेफ्टी शूज जैसी अत्यावश्यक चीजे जो हमे साल में दो बार मिलनी चाहिए, उनके लिए संघर्ष करना ही क्यों पड़ता हैं ? सुचारू तरिके से अपनेआप प्रशासन क्यों नही देती , यह पहला सवाल दिमाग में आता है । और दूसरा सवाल यह आता है कि केवल जबलपुर और भोपाल क्षेत्र में ही क्यों , पूरे देशभर कार्यरत ट्रैकमैन को क्यों नही ? क्या एन एफ आई आर के राष्ट्रीय नेता इसपर प्रकाश डालेंगे ?