केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा प्रेस विज्ञप्ति
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच के घटकों ने 1 नवंबर 2021 को दिल्ली में एक बैठक की, जिसमें सरकार के निजीकरण और सभी राष्ट्रीय संपत्तियों को कॉर्पोरेट क्षेत्र को सौंपने के दबाव से उत्पन्न स्थिति पर विचार किया गया। इस तरह की नीतियों के श्रमिकों और लोगों पर होने वाले हानिकारक प्रभावों पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि लोगों को इस नीति के खतरनाक प्रभावों से अवगत कराया जाए और इसी उद्देश्य के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान और बैठकें की जाएं। यह अभियान 11 नवंबर को दिल्ली में ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ शुरू होगा।
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उनके द्वारा उठाया गया यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। मजदूरों और उपभोक्ताओं को यह समझाना भी जरूरी है कि निजीकरण का अभियान 1991 से चल रहा है। अलग-अलग पार्टिया आई और गयी लेकिन एजेंडा हमेशा एक ही रहा है। बहुत अमीर पूंजीपति का कार्यक्र्रम । हमें व्यवस्था को बदलने और एक नई व्यवस्था स्थापित करने की जरूरत है जहां श्रमिकों और मेहनतकश बहुमत को यह तय करने की शक्ति हो कि देश किस ओर जा रहा है।