सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के निजीकरण की दोबारा जांच के लिए सरकार को मजबूर करने में सफल हुए मज़दूर

केईसी संवाददाता की रिपोर्ट

सरकार को सीईएल के मज़दूरों द्वारा सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के निजीकरण को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि कर्मचारी संघ ने सीईएल की कंपनी को कम कीमत पर ऐसी कंपनी को बेचने के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके पास सीईएल की गतिविधियों का कोई अनुभव नहीं था।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने बताया कि नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये के मामूली मूल्य पर सीईएल की बिक्री की जांच की जा रही है।

सीईएल में 100 फीसदी सरकारी शेयरधारिता नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को बेचने के लिए आशय पत्र (एलओआई) पर भी रोक लगा दी गई है।
सरकार ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत सीईएल को नवंबर 2021 में नंदल फाइनेंस को बेचने की मंजूरी दी थी और बिक्री मार्च 2022 तक पूरी होनी थी।

एआईएफएपी वेबसाइट पर सीईएल के निजीकरण पर पहले की रिपोर्ट:
1. एन.सी.ओ.ए (NCOA ) सी.ई.एल (CEL) की संदिग्ध बिक्री की निंदा करता है और सीईएल को बेचने के सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करता है: https://hindi.aifap.org.in/2849/
2. सीईएल की बिक्री उचित नहीं है: https://hindi.aifap.org.in/2650/
3. सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) की बिक्री जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी है: https://hindi.aifap.org.in/2557/

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