चण्डीगढ़ में निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों की दूसरी विशाल रैली आयोजित हुई

निजीकरण के विरोध में 1, 7, 23 व 24 फरवरी को हड़ताल करेंगे

कामगार एकता कमिटी के संवाददाता की रिपोर्ट

24 जनवरी को यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर चण्डीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण कर एमीनेंट कम्पनी को सौंपने के निर्णय के खिलाफ दूसरी विशाल रोष रैली की। लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के बावजूद कर्मचारियों ने भारी संख्या में रैली में भाग लिया। रैली के दौरान पंजाब के राज्यपाल तथा चण्डीगढ़ के प्रशासक को निजीकरण रद्द करने के लिए ज्ञापन दिया गया।


रैली में पहले से तय 1 फरवरी की हड़ताल के अलावा 7 फरवरी तथा उसके बाद 23 और 24 फरवरी को भी हड़ताल करने का ऐलान किया गया।

रोष रैली को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उप प्रधान अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, रंजीत सिंह, र्स्वण सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रशासन ने मानीय पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 16 फरवरी 2021 को दिये फैसले की उल्लंघना की है जिसमें उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट निर्णय दिया था कि प्रशासन द्वारा किया गया कोई भी निर्णय व कार्यवाही हाईकोर्ट द्वारा दिेये जाने वाले अन्तिम निर्णय पर निर्भर करेगा। यह बहुत ही गलत है कि प्रशासन ने पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले की अनदेखी करके फाईनैंस बिड भी खोल दी है तथा केन्द्र सरकार ने एमीनेंट कम्पनी को बेचने की सह्मतिभी दे दी है जबकि उच्च न्यायालय का अन्तिम निर्णय नहीं आया है तथा केार्ट में अगली सुनवाई 10 मार्च को है।

वक्ताओं ने मांग की, कि सरकार व प्रशासन को कोई भी फैसला लेने से पहले ट्रांसफर पॉलिसी बनानी चाहिए तथा कर्मचारियों समेत सभी हितधारकों से ऐतराज व सुझाव लेने चाहिए। प्रशासन को ट्रांसफर पॉलिसी नोटिफाई कर सरकारी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों की सारी सेवाशर्ते, पेंशन, ग्रेच्युटी, सभी भत्ते बहाल रखने चाहिए तथा जीपीएफ व ट्रेजरी सिस्टम बरकरार रख कर ट्रस्ट बनाने का विचार रद्द करना चाहिए।

वक्ताओं ने पुनः जोर देकर कहा कि प्रशासन को ट्रांसफर पॉलिसी नोटिफाई करने तक तथा कोर्ट का फैसला आने तक निजीकरण का अगला कदम रोकना चाहिए।

कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा कि निजीकरण के बाद चण्डीगढ़ की आम जनता को भी मंहगे बिलों का भुगतान करना होगा क्योंकि सरकार द्वारा तय की गई कम्पनी का बिजली का रेट चण्डीगढ़ के रेट से दोगुने से अधिक है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों, ट्रेड यूनियनों, मुहल्ला समितियों को निजीकरण की नीति का डटकर विरोध करना चाहिए।

रोष रैली को CITU चण्डीगढ़ के प्रधान गुरदीप सिंह, कोषाध्यक्ष कुलदीप सिंह, फैड़रेशन ऑफ यूटी इम्पलाईज यूनियन के प्रधान रघबीर चन्द, हॉर्टीकल्चर के प्रधान हरकेश चन्द, आईसीसीडब्लयू के बिहारी लाल, रोड के प्रेमपाल, पंजाब बोर्ड कार्पोरेशन के महासंघ के हरकेश राणा, तारा सिंह, जोगिन्द्र सिंह राणा आदि ने भी सम्बोंधित करते हुए बिजली कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया तथा प्रशासन से गैरकानूनी तौर पर शुरू की गई निजीकरण की प्रक्रिया तुरंत रोकने की मांग की।

रैली में सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए 1 फरवरी के बाद 7 फरवरी तथा 23 व 24 फरवरी को मुकम्मल हड़ताल करने का ऐलान किया गया। यह भी घोषित किया गया कि हड़ताल के कारण आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रशासन जिम्मेदार होगा।

 

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