अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कॉंग्रेस ने कॉंग्रेस पार्टी से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की मुंबई रिफाइनरी के निजीकरण का विरोध करने का अनुरोध किया है।

डॉ. उदित राज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कॉंग्रेस द्वारा कॉंग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को पत्र लिखा। पत्र में उनसे अनुरोध किया कि वे महाराष्ट्र प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी से बीपीसीएल की मुंबई रिफाइनरी के निजीकरण के किसी भी कदम का विरोध करने के लिए कहें।

 

फोन: 011-23062715
011-23019080/50

अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी
अखिल भारतीय असंगठित कामगार और कर्मचारी कॉंग्रेस (KCC)

डॉ. उदित राज                 24, अकबर रोड
राष्ट्रीय चेयरमैन                नई दिल्ली -110011
सांसद (2014-19)            21 फरवरी, 2022

D.O.No./URNC/KKC/166

आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी,

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी रिफाइनरी है और सरकार के पास 52.98% शेयरधारिता है। कैबिनेट समिति ने नवंबर 2019 में इसका निजीकरण करने की मंजूरी दी थी। उसके बाद सरकार ने असम में इसकी सहायक-नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग कर दिया। महान नेता, श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने 24 जनवरी 1976 को इसका राष्ट्रीयकरण किया था। पहले इसे बर्मा शेल के नाम से जाना जाता था और फिर इसका नाम बदल कर भारत रिफाइनरीज लिमिटेड रखा गया। 1 अगस्त 1977 को इसे फिर से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के रूप में नामित किया गया। अधिग्रहण के समय, इसकी शोधन क्षमता 2.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष थी और जो वर्तमान में बढ़ कर 36.3 मिलियन मीट्रिक टन है। पिछले साल इसका मुनाफा 19,045 करोड़ रुपये था। इसकी सम्पूर्ण संपत्ति की कीमत 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

जिस दिन से कोचीन रिफाइनरी के निजीकरण का फैसला लिया गया है, उस दिन से कामगार आंदोलन कर रहे हैं। भर्ती रुक गई है और कई सेवानिवृत्त हो गए हैं और कई को वीआरएस लेने के लिए मजबूर किया गया है। नियमित कर्मचारियों के स्थान पर संविदा कामगारों से कार्य कराया जा रहा है। ये असंगठित कामगार अधिक शोषण के अधीन हो जाते हैं। निजीकरण एससी/एसटी/ओबीसी के लिए नौकरियों में सामाजिक न्याय के आधारों को भी नुकसान पहुंचाता है। वर्तमान में, इसके देश में 15,000 से अधिक डीजल और पेट्रोल आउटलेट हैं। एक बार जब इसका निजीकरण हो जाएगा तो एससी और एसटी को मालिकों द्वारा फेंक दिया जाएगा। IOC और HPCL जैसी अन्य प्रमुख रिफाइनरियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा और अंत में वे गायब हो जाएंगी और इस प्रकार निजी क्षेत्र का पूर्ण एकाधिकार हो जायेगा। यह आपातकाल के दौरान राष्ट्र के लिए खतरनाक होगा क्योंकि सामरिक क्षेत्र निजी क्षेत्र के अधीन होगा।

केरल सरकार ने भारत सरकार को कोचीन रिफाइनरी का निजीकरण नहीं करने के लिए लिखा है। इसके अनुरूप महाराष्ट्र सरकार को भी मुंबई रिफाइनरी के निजीकरण के किसी भी कदम का विरोध करना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी, महाराष्ट्र को मुंबई रिफाइनरी के निजीकरण के किसी भी कदम का विरोध करने की सलाह दें और महाराष्ट्र सरकार पर निजीकरण के किसी भी कदम से बचने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने का दबाव डालें।

सादर,

(डॉ. उदित राज)

श्रीमती सोनिया गांधी जी
माननीय अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस
24, अकबर रोड, नई दिल्ली-110001

प्रति : श्री नाना पटोले, अध्यक्ष, महाराष्ट्र कॉंग्रेस कमेटी, तिलक भवन
काकासाहेब गाडगिल मार्ग, दादर, मुंबई-400025

(डॉ उदित राज)

रेजि : 192 – एमपी फ्लैट्स, नॉर्थ एवेन्यू, नई दिल्ली – 110001
मोबाइल: 9899766882, 9899382211, 011-23092429

ईमेल: kkcchairman@gmail.com

 

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