कॉमरेड अमानुल्ला खान, संपादक एवं पूर्व-महासचिव, ऑल इंडिया इन्शुरन्स एम्प्लॉयीज असोसिएशन द्वारा लिखित इन्शुरन्स वर्कर मासिक का सम्पादकीय
एलआईसी जैसी संस्था लोगों और राष्ट्र के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उसका निजीकरण नहीं होना चाहिए। एलआईसी का आईपीओ निश्चित रूप से इस संस्था का सामाजिक प्रतिबद्धता को ख़त्म कर देगा क्योंकि कारोबार का आधार बदलकर शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजन पर केंद्रित हो जायेगा। पॉलिसीधारकों के पक्ष में चल रहे अधिशेष वितरण के तरीके को 95 अनुपात 5 से बदल कर 90 अनुपात 10 में करना उन पॉलिसीधारकों के हित के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने इस बेहतरीन संस्था के विकास और विस्तार को वित्तपोषित किया है।
upload.Hindi.IW EDITORIAL MARCH 2022