TUJAC और उसके घटक 28 और 29 मार्च 2022 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के मज़दूरों को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए एक अभियान चला रहे हैं।
(टीयूजेएसी द्वारा मराठी में जारी किए गए पत्रक का हिंदी अनुवाद)
ट्रेड यूनियन जॉइन्ट एक्शन कमेटी
(महाराष्ट्र राज्य)
आइए मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ और चार श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग के लिए 28 और 29 मार्च 2022 को देशव्यापी हड़ताल को बड़ी सफल बनाये
मुख्य मांगें
1) केंद्र सरकार को 21 श्रम कानूनों को अमान्य करने के बाद संसद में पारित चार श्रम संहिताओं को रद्द करना चाहिए।
2) विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक को स्थगित किया जाना चाहिए।
3) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का किसी भी तरह से निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए और सरकार को राष्ट्रीय विनिवेश नीति को रद्द करना चाहिए।
4) जो परिवार आयकर का भुगतान नहीं करते हैं उन्हें 7,500/- रुपये का भोजन और आय दी जानी चाहिए।
5) मनरेगा को अधिक धनराशि आवंटित की जानी चाहिए और शहरी क्षेत्रों को शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया जाना चाहिए।
6) अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले सभी मज़दूरों को सम्मिलित करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा का विस्तार किया जाना चाहिए।
7) आंगनवाडी, आशा, मिड डे योजना और अन्य योजना मज़दूरों को कानूनी न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
8) महामारी के दौरान लोगों की सेवा करने वाले फ्रंटलाइन मज़दूरों को पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए और उन्हें बीमा के तहत कवर किया जाना चाहिए।
9) राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए संपत्ति कर आदि जैसे अधिक कर सबसे अमीर वर्ग से एकत्र किए जाने चाहिए तथा कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण
सार्वजनिक सेवाओं में अधिक निवेश किया जाना चाहिए।
10) पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया जाना चाहिए तथा पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में और वृद्धि को रोकने के लिए अन्य उपाय किए जाने चाहिए।
11) संविदा मज़दूरों को नियमित किया जाए और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया जाए।
12) एनपीएस को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को पुनर्जीवित किया जाए।
13) बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों को रद्द किया जाना चाहिए तथा रोजगार पैदा करने वाली नीतियों को लागू किया जाना चाहिए।
14) गैस, डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को अवश्य रोकना चाहिए ।
15) शिक्षा का व्यावसायीकरण बंद होना चाहिए, अच्छी गुणवत्ता और मुफ्त शिक्षा प्रणाली लागू की जानी चाहिए। नई शिक्षा नीति को रद्द किया जाए।
28 और 29 मार्च 2022 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। आइए हम इसे बड़ी सफल बनाएं!
INTUC, AITUC, HMS, CITU, NTUI, BKSM, AICCTU, AIUTUC, TUCI, KEC, TDF, BUCTU, AIBEA, AIBOA, IDBI, AIIEA, AILICEF, GIEAIA, BPT, रेलवे, ट्रांसपोर्ट यूनियन, म्यूनिसिपल मज़दूर, संविदा मज़दूर, श्रमिक एकता महासंघ, राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ एवं मज़दूरों के अन्य संगठन