कामगार एकता कमिटी (KEC) के संवाददाता की रिपोर्ट
जैसा कि पहले इस वेबसाइट पर बताया गया है, महाराष्ट्र के बिजली कर्मचारियों ने महाराष्ट्र राज्य वीज कामगार, अभियन्ते, अधिकारी संघर्ष समिति और महाराष्ट्र राज्य वीज कंत्राटी कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति द्वारा दिए गए आह्वान पर बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। अधिकारियों से धमकी भरे कॉल आने और राज्य सरकार द्वारा कठोर मेस्मा (महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम) लागू करने के बावजूद उन्होंने दो दिवसीय राष्ट्रीय आम हड़ताल में 28 मार्च से उत्साह से भाग लिया। महाराष्ट्र में हड़ताल लगभग पूरी थी।
बिजली कर्मचारी संगठनों ने कई मांगें रखीं और राज्य सरकार को उनके प्रतिनिधियों के साथ हड़ताल के शुरू होने के 48 के अंदर बातचीत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अखिल भारतीय विद्युत कर्मचारी महासंघ के महासचिव कॉमरेड मोहन शर्मा ने प्रेस को बताया कि महाराष्ट्र राज्य वीज कामगार, अभियंते, अधिकारी संघर्ष समिति और महाराष्ट्र राज्य वीज कंत्राटी कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति के प्रतिनिधियों की 29 मार्च की शाम को राज्य के बिजली मंत्री के साथ सार्थक बैठक हुई|
मंत्री ने बिजली कर्मचारियों द्वारा उठाई गई सभी 7 मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और इसलिए उनके नेताओं ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
बिजली मंत्री ने निम्नलिखित वादे किये:
• महाराष्ट्र में बिजली क्षेत्र के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। राज्य सरकार निजीकरण के खिलाफ है। (संगठनों को इस आशय का लिखित आश्वासन मिला है कि इस क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।)
• हड़ताल में भाग लेने वाले किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और मेस्मा के तहत सभी कार्रवाइयां वापस ले ली जाएंगी।
• वह जल संसाधन मंत्री, उपमुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और श्रमिक संगठनों के साथ भी जलविद्युत स्टेशनों के निजीकरण के मामले पर चर्चा करेंगे।
• विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में राज्य सरकार केंद्र सरकार को लिखित में सूचित करेगी।
• वह स्थानांतरण नीति की समीक्षा करेंगे।
• संविदा कर्मियों को नौकरी की सुरक्षा और रिक्तियों को भरते समय उन्हें प्राथमिकता डी जाएगी।
हम महाराष्ट्र राज्य वीज कामगार, अभियन्ते, अधिकारी संघर्ष समिति और महाराष्ट्र राज्य वीज कंत्राटी कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति के बैनर के तले संघर्षरत बिजली कर्मचारियों, अभियंतों और अफसरों को उनके दृढ़ संघर्ष के लिए बधाई देते हैं और आश्वस्त हैं कि उनकी एकता यह सुनिश्चित करेगी कि वादों को वास्तव में लागू किया जाए!