कोविड महामारी के बाद वापस लिए गए वरिष्ठ नागरिकों की रेल रियायत को बहाल करें

कॉम बिनॉय विश्वम, संसद सदस्य, का रेल मंत्री को पत्र


(अंग्रेजी पत्र का हिंदी अनुवाद)

प्रति
श्री अश्विनी वैष्णव जी
रेल मंत्री,
भारत सरकार

दिनांक: 22.05.2022

आदरणीय अश्विनी वैष्णव जी,

रेलवे में दी जाने वाली रियायतों को वापस लेने के फैसले से देश भर में करोड़ों वरिष्ठ नागरिक प्रभावित हुए हैं। निर्णय COVID-19 महामारी के आलोक में किया गया था और वरिष्ठ नागरिकों की बार-बार मांगों के बावजूद इसकी समीक्षा नहीं की गई है, हालांकि देश फिर से खुल गया है।

भारतीय रेलवे की स्थापना भारत के नागरिकों को परिवहन का एक किफायती और कुशल साधन प्रदान करने के प्राथमिक उद्देश्य से की गई थी। इन वर्षों में, वरिष्ठ नागरिकों सहित नागरिकों की 50 से अधिक श्रेणियों को उनकी यात्रा को किफायती बनाने के लिए रियायतें दी गईं। लेकिन, COVID-19 महामारी की शुरुआत के साथ इन रियायतों को सुरक्षा और रोकथाम के नाम पर रोक दिया गया था, इस निहित विश्वास के साथ कि महामारी समाप्त होने और देश फिर से खुलने के बाद वे फिर से शुरू हो जाएंगे। दुर्भाग्य से, सरकार ने इन रियायतों को स्थायी रूप से हटाने के लिए COVID-19 महामारी का उपयोग किया है, जिससे भारत के लोगों को बहुत नुकसान हुआ है। मार्च 2020 और मार्च 2022 के बीच 7 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिक रेलवे का उपयोग कर रहे हैं, ऐसे में रियायतें वापस लेने का प्रभाव गंभीर है।

इसके आलोक में मैं आपसे रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत बहाल करने की अपील करता हूं। कई वरिष्ठ नागरिक पूरा टिकट किराया देने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए रियायतों की कमी के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है। इन नागरिकों ने अपने कामकाजी जीवन के दौरान हमारे देश की सेवा की है, और यह महत्वपूर्ण है कि हम यह सुनिश्चित करें कि इन नागरिकों को उनके सेवानिवृत्त जीवन में सम्मान मिले।

सादर

बिनॉय विश्वम
भाकपा संसदीय दल के नेता
और सचिव, राष्ट्रीय परिषद

 

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