संसद सदस्य श्री बिनॉय विश्वम द्वारा वित्त मंत्री को पत्र
(अंग्रेजी पत्र का हिंदी अनुवाद)
प्रति
श्रीमती निर्मला सीतारमण जी,
वित्त मंत्री
भारत सरकार
दिनांक: 01.06.2022
संबंध में: सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमा कर्मचारियों के लंबित वेतन संशोधन
आदरणीय श्रीमती निर्मला सीतारमण जी,
अगस्त 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन संशोधन को अनिवार्य किया गया था। लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी आज तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है। यह आवश्यक है कि इन कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन जल्द से जल्द किया जाए। वेतन संशोधन, जो कर्मचारियों का अधिकार है, हर 5 साल में होता है और अप्रैल 2019 में शुरुआती बातचीत के बाद से रुका हुआ है। इस संबंध में, मुझे याद है कि मैं स्वयं आपसे और वित्त सचिव से जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज ऑल इंडिया एसोसिएशन के नेताओं के साथ मिल चुका हूं, फिर भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियाँ जैसे, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, पूरे भारत में 7200 कार्यालयों में 53700 से अधिक लोगों को रोजगार देता है। यह 2017 में कर्मचारियों की 61900 संख्या से बहुत बड़ी घटौती है। कार्यभार में वृद्धि के बावजूद, इन कर्मचारियों ने इन संस्थानों के भीतर काम के उच्च मानकों को बनाए रखना जारी रखा है और लाखों ग्राहकों को कुशलता से सेवा दी है। कोविड-19 महामारी के दौरान 250 से अधिक कर्मचारियों की वायरस के कारण मृत्यु होने के बावजूद इन बीमा कंपनियों के कर्मचारियों का योगदान उत्कृष्ट रहा है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीएसजीआई कंपनियां कई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की रीढ़ हैं और उन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसके आलोक में, मैं आपसे इस मामले में सीधे हस्तक्षेप करने और इसे निपटाने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधि के साथ वार्तालाप का आग्रह करता हूं। आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से इन कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
सादर
बिनॉय विश्वम
भाकपा संसदीय दल के नेता
और सचिव, राष्ट्रीय परिषद
GIEAIA ZINDABAD