विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) की बैठक के निर्णय
(अंग्रेजी परोपत्र का हिंदी अनुवाद)
विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति
(NCCOEEE)
दिनांक: 10 अगस्त 2022
परिपत्र
प्रति
एनसीसीओईईई के सभी राज्य/जिला संघटक और अन्य इकाई
उपर-लिखित तारीख को NCCOEEE की वर्चुअल बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता के.ओ. हबीब ने की। इस बैठक में हुए चर्चित विषयों और विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 का विरोध करने के लिए वर्तमान संघर्ष को तेज करने की दिशा में लिए गये फ़ैसलों की जानकारी नीचे संलग्न हैं।
1. NCCOEEE ने अपने सभी घटक सदस्यों और अन्य किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों का अभिवादन किया जिन्होंने आरोपित जनविरोधी विधेयक का विरोध करने के लिए समर्थन दिया। 6 अगस्त को जारी की गयी लोकसभा की 8 अगस्त की कार्यसूची के साथ ही सरकार की जघन्य मंशा ज़ाहिर हो गयी जिसमें सरकार 8 अगस्त को शुरू होने सत्र में इस विधेयक को पेश कर, मतदान करा के पारित करवाने वाली थी। परंतु, ऐसा नहीं हुआ और सरकार के इस विधेयक को संसदीय स्थायी समिति को भेजने के निर्णय में हमारी पहले दौर की जीत है। इस सफलता को NCCOEEE के घटकों के बीच प्रचारित किया जाना चाहिए क्योंकि संघर्ष को अगले कड़े चरणों को तीव्र करने के लिए हमें अपना नारा “बिजली क्षेत्र बचाओ – भारत बचाओ” सभी वर्गों के लोगों के बीच फैलाना होगा।
2. सभी राज्य इकाइयों को सलाह दी जाती है कि वे राज्य व उनके अधीन जिला/परियोजना स्तर इकाइयों में अपनी ताकत को मजबूत करें। राज्य स्तर पर यह भी गुज़ारिश है कि निम्नलिखित जानकारी राष्ट्रीय इकाई को संप्रेषित करें, जो निकट भविष्य में संघर्ष की लहर को तेज करने के लिए बहुत आवश्यक होगी।
[राज्य इकाई की बैठक में निर्णय होने के बाद भेजे जाने वाले नाम]
3. बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 पर सुनवाई के लिए सभी NCCOEEE घटकों से अनुरोध है कि वे संसदीय ऊर्जा स्थायी समिति के अध्यक्ष को अपने दृष्टिकोण से परिचित करवाएँ, ताकि समिति सुनवाई की तारीख और उसका का दायरा तय कर सके। इस परिपत्र के साथ समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के नाम संलग्न हैं। इससे पहले कि समिति औपचारिक रूप से जनता की राय लेने की पेशकश करे, यह पत्र तुरंत भेजा जाना चाहिए ।
4. एनसीसीओईईई अपना ज्ञापन दो भागों में तैयार करेगा: (आ) विधेयक के प्रतिकूल प्रभावों पर टिप्पणियां और (ब) खंड-वार संशोधन की मांग।
ज्ञापन का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है जिसमें मोहन शर्मा (AIFEE), अभिमन्यु धनखड़ (AIFOPDE), पदमजीत सिंह (AIPEF), समर सिन्हा (AIPF) और बी प्रदीप (EEFI) को शामिल किया गया है। समिति अपना कार्य तुरंत शुरू करेगी और 20 अगस्त तक इस प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। राष्ट्रीय इकाई के संयोजक पी.एन. चौधरी इसके संयोजक होंगें ।
5. विधेयक के प्रतिकूल प्रभावों को प्रचारित करने के लिए एक व्यापक अभियान बिना किसी देरी के शुरू किया जाना चाहिए। अभियान के तीन चरण होंगे: (आ) राज्य, (ब) जिला, और (सी) राष्ट्रीय स्तर। अभियान प्रत्येक स्तर इस प्रकार शुरू होगा:
(अ) बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की बैठक [समय अनुसूची: मध्य अगस्त-सितंबर]
(ब) उपभोक्ताओं के सभी वर्गों जैसे किसान, श्रमिक, कर्मचारी, युवा, महिलाएं, जनप्रतिनिधि, समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति, शिक्षक, छात्र, वकील, इंजीनियर, डॉक्टर, पत्रकार, प्रेस को शामिल कर सम्मेलन का आयोजन। प्रतिष्ठित व्यक्तियों व्यक्तिगत रूप से व अन्य को उनके संबंधित संगठन के माध्यम से आमंत्रित किया जाना चाहिए। [समय सारिणी: अक्टूबर]
6. राष्ट्रीय स्तर का अभियान बिजली क्रांति यात्रा 2 नवंबर 2022 को वाराणसी से शुरू होगी। निम्नलिखित इस अभियान में भाग लेंगे:
(आ) राष्ट्रीय इकाई के सभी सदस्य
(ब) संयोजक सहित राज्य इकाइयों के 2/3 सदस्य
उपरोक्त (आ) और (ब) और यूपी राज्य स्टेट इकाई के प्रतिनिधियों के साथ एक खुले सम्मेलन के साथ पूर्ण होगी।
दिवस के दूसरे पहर में महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। एक प्रतिनिधिमंडल भारत के प्रधान मंत्री को संबोधित NCCOEEE का ज्ञापन सौंपने के लिए उचित नियुक्ति के साथ वाराणसी के पीएमओ का दौरा करेगा।
7. प्रमुख शहरों और आस-पास के जिलों में राष्ट्रीय अभियान नवंबर के पूरे महीने जारी रहेगा और संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली में समाप्त होगा। बिजली क्रांति यात्रा की परिणति दिल्ली शहर में एक उपयुक्त मैदान/सार्वजनिक स्थान पर बिजली उपभोक्ताओं, कर्मचारियों और इंजीनियरों की एक विशाल रैली के साथ होगी।
8. NCCOEEE की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयाँ विधेयक का विरोध कर रहे हैं सांसदों और राजनीतिक दलों के साथ घनिष्ठ संपर्क में रहेंगे ताकि संघर्ष के इन सभी चरणों में उन्हें शामिल किया जाए।
9. NCCOEEE की सभी राज्य और जिला स्तर इकाइयाँ 3 से 30 नवंबर तक बिजली क्रांति यात्रा के समानांतर अपने जन जागरूकता अभियान को फिर से शुरू करेंगे। अभियान के इस चरण का उद्देश्य सभी जिला/अनुमंडल कस्बों, ब्लॉक/तालुका मुख्यालयों और गांवों तक यथासंभव पहुंचना होगा। इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव और आत्मानिर्भर भारत के आड़ में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के नाम पर भारत की बिक्री का विरोध करने के लिए संघर्ष कर रहे राष्ट्रीय और राज्य संगठनों से सहयोग मांगा जाएगा।
10. यदि भारत सरकार जनता के विरोध को सुनने और उसे मानने के लोकतांत्रिक रास्ते से हट जाती है, तो NCCOEEE बिजली क्षेत्र में सबसे बड़ी हड़ताल का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होगा। इसके परिणामों की जिम्मेदारी अकेले भारत सरकार को वहन करनी होगी।
बिजली बचाओ – भारत बचाओ NCCOEEE जिंदाबाद!
बिजली उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की एकता जिंदाबाद!
प्रशांत एन. चौधरी
संयोजक
9830264170