श्री बी रामलिंग रेड्डी से प्राप्त रिपोर्ट
बिजली क्षेत्र के निजीकरण विधेयक पर क्या है राज्य सरकार का रवैया?
एटक के महासचिव कॉम जी ओबुलसु ने मांग की कि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 पर अपनी राय स्पष्ट करे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया विधेयक पारित हो जाता है और बिजली कंपनियों का निजीकरण कर दिया जाता है, तो मुख्य नुकसान राज्य सरकार को होगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कॉरपोरेट्स को राज्य के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियों और लाखों करोड़ रुपये के नेटवर्क की संपत्ति को सस्ते में जब्त करने की अनुमति देगा।
उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट्स लोगों पर भारी बोझ डालेंगे और बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने की शक्ति राज्य सरकार से कॉरपोरेट्स और केंद्र के पास जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट अधिक मुनाफा कमाने के इरादे से आगे बढ़ेंगे और राज्य में गरीब लोगों का अनदेखा करेंगे जिस कारण गरीब लोगों का समर्थन करना राज्य सरकार पर भारी बोझ बन जाएगा और सार्वजनिक स्वामित्व वाले बिजली क्षेत्र का प्रबंधन राज्य सरकार के लिए एक प्रमुख चुनौती होगा।
इसी तरह, राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों में काम करने वाले कई बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने राज्य सरकार से अपील की है कि वे अपनी सेवाओं की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए तत्काल बयान दें, जिसके बारे में वे चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य को सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों को बचाने के लिए किसी भी आंदोलन और बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए।